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==राजपूत==
 
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राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल । यह नाम राजपुत्र का अपभ्रंश है । राजस्थान में राजपूतों के अनेक किले हैं । राठौर, कुशवाहा, सिसोदिया, चौहान, जादों, पंवार आदि इनके प्रमुख गोत्र हैं । राजस्थान को राजपूताना भी कहा गया है । पुराने समय में [[आर्य]] जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी, किन्तु बाद में इन वर्णों के अंतर्गत अनेक जातियाँ बन गईं । क्षत्रिय वर्ण की अनेक जातियों और उनमें समाहित कई देशों की विदेशी जातियों को कालांतर में राजपूत जाति कहा जाने लगा । [[कवि चंदवरदायी]] के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी । उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत [[सूर्यवंश]] और [[चंद्रवंश]] के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ । राजपूतों में मेवाड़ के [[महाराणा प्रताप]] और [[पृथ्वीराज चौहान]] का नाम सबसे ऊंचा है ।
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राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल । यह नाम राजपुत्र का अपभ्रंश है । राजस्थान में राजपूतों के अनेक किले हैं । राठौर, कुशवाहा, सिसोदिया, चौहान, जादों, पंवार आदि इनके प्रमुख गोत्र हैं । राजस्थान को राजपूताना भी कहा गया है । पुराने समय में [[आर्य]] जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी, किन्तु बाद में इन वर्णों के अंतर्गत अनेक जातियाँ बन गईं । क्षत्रिय वर्ण की अनेक जातियों और उनमें समाहित कई देशों की विदेशी जातियों को कालांतर में राजपूत जाति कहा जाने लगा । कवि [[चंदबरदाई]] के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी । उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत [[सूर्यवंश]] और [[चंद्रवंश]] के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ । राजपूतों में मेवाड़ के [[महाराणा प्रताप]] और [[पृथ्वीराज चौहान]] का नाम सबसे ऊंचा है ।

१२:४८, १५ जुलाई २००९ का अवतरण

राजपूत

राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल । यह नाम राजपुत्र का अपभ्रंश है । राजस्थान में राजपूतों के अनेक किले हैं । राठौर, कुशवाहा, सिसोदिया, चौहान, जादों, पंवार आदि इनके प्रमुख गोत्र हैं । राजस्थान को राजपूताना भी कहा गया है । पुराने समय में आर्य जाति में केवल चार वर्णों की व्यवस्था थी, किन्तु बाद में इन वर्णों के अंतर्गत अनेक जातियाँ बन गईं । क्षत्रिय वर्ण की अनेक जातियों और उनमें समाहित कई देशों की विदेशी जातियों को कालांतर में राजपूत जाति कहा जाने लगा । कवि चंदबरदाई के कथनानुसार राजपूतों की 36 जातियाँ थी । उस समय में क्षत्रिय वर्ण के अंतर्गत सूर्यवंश और चंद्रवंश के राजघरानों का बहुत विस्तार हुआ । राजपूतों में मेवाड़ के महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान का नाम सबसे ऊंचा है ।