राम

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Asha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित २३:५९, २ अक्टूबर २००९ का अवतरण
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ


राम / Ram

राम (रामचन्द्र), प्राचीन भारत में जन्मे, एक महापुरुष थे। हिन्दू धर्म में, राम, विष्णु के १० अवतारों में से एक हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम, महर्षि वाल्मिकि द्वारा रचित, संस्कृत महाकाव्य रामायण के रूप में लिखा गया है| उनके उपर तुलसीदास ने भक्ति काव्य श्री रामचरितमानस रचा था| खास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूज्यनीय माने जाते हैं। रामचन्द्र हिन्दुत्ववादियों के भी आदर्श पुरुष हैं। राम, अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के सबसे बडे पुत्र थे। राम की पत्नी का नाम सीता था (जो लक्ष्मी का अवतार मानी जाती है) और इनके तीन भाई थे, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्नहनुमान, भगवान राम के, सबसे बडे भक्त माने जाते है। राम ने राक्षस जाति के राजा रावण का वध किया|

हिन्दू धर्म के कई त्यौहार, जैसे दशहरा और दीपावली, राम की जीवन-कथा से जुडे हुऎ है। माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नही लगाया जा सका है, परन्तु विशेषज्ञों का मानना है कि राम का जन्म तकरीबन आज से ९,००० वर्ष (७३२३ ईसा पूर्व) हुआ था। आज के युग मे राम का जन्म, रामनवमी के रुप में मनाया जाता है। राम चार भाईयो में से सबसे बड़े थे, इनके भाइयो के नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। राम बचपन से ही शान्त स्वभाव के वीर पुरूष थे। उन्‍होने मर्यादाओं को हमेशा सर्वोच्‍च स्‍थान दिया था। इसी कारण उन्हे मर्यादा पुरूषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है। उनका राज्य न्‍यायप्रिय और खुशहाल माना जाता था, इसलिए भारत में जब भी सुराज की बात होती है, रामराज या रामराज्य का उद्धरण दिया जाता है। धर्म के मार्ग पर चलने वाले राम ने अपने तीनो भाइयों के साथ गुरू वशिष्‍ठ से शिक्षा प्राप्‍त की। राम के बचपन की विस्तार-पूर्वक विवरण स्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के बालकाण्ड से मिलती है। राजा दशरथ के तीन रानियाँ थीः कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी। राम कौशल्या के पु्त्र थे, सुमित्रा के दो पु्त्र, लक्ष्मण और शत्रुघ्न थे और कैकेयी के पु्त्र भरत थे। कैकेयी चाहती थी उनके पु्त्र भरत राजा बनें, इसलिए उन्होने राम को, दशरथ द्वरा, १४ वर्ष का वनवास दिलाया। राम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया। राम की पत्नी सीता, और उनके भाई लक्ष्मण भी वनवास गये थे।