विहृल कुण्ड

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित २१:५६, १५ फ़रवरी २०१० का अवतरण (Text replace - '[[श्रेणी:' to '[[category:')
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ



Logo.jpg पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है।

विहृल कुण्ड / Vihavl Kund

चरणपहाड़ी के पास ही विहृल कुण्ड और पञ्चसखा कुण्ड है। यहाँ पर कृष्ण की मुरली ध्वनि को सुनकर गोपियाँ प्रेम में विहृल हो गई थी। इसलिए वह स्थान विहृल कुण्ड के नाम से प्रसिद्ध हुआ। पञ्च सखा कुण्डों के नाम रग्ङीला, छबीला, जकीला, मतीला और दतीला कुण्ड हैं। ये सब अग्रावली ग्राम के पास विद्यमान हैं। साँचा:कुण्ड