"वैदिक धर्म" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - 'वरूण' to 'वरुण') |
|||
(७ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के १४ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | {{menu}} | + | {{menu}} |
− | [[ | + | {{Incomplete}} |
− | ==वैदिक धर्म / Vedic | + | [[Category:कोश]] [[Category:धर्म-संप्रदाय ]] [[Category:पौराणिक इतिहास]] |
+ | ==वैदिक धर्म / Vedic Religion== | ||
कर्म पर आधारित | कर्म पर आधारित | ||
*चार आश्रमों का समाज, | *चार आश्रमों का समाज, | ||
*चार आश्रमों का व्यक्तिगत जीवन, | *चार आश्रमों का व्यक्तिगत जीवन, | ||
*यम और नियमों का पालन, | *यम और नियमों का पालन, | ||
− | *यज्ञ की प्रधानता, | + | *यज्ञ की प्रधानता, [[इन्द्र]], [[वरुण]], [[अग्नि]], [[सोम रस|सोम]], [[सूर्य]], [[चंद्र]], अश्विन, उषा, रुद्र, मरूत, [[पृथ्वी]], समुद्र, सरस्वती और वाग्देवी की उपसना-ये वैदिक धर्म के प्रमुख स्तंभ हैं। धर्म को अभ्युदय और नि:श्रेयस का साधन माना जाता था। वैदिक धर्म सांप्रदायिक संकीर्णता से ग्रस्त न होकर सार्वभौम धर्म रहा है। कालांतर में उपनिषद-काल में यज्ञ और कर्मकांड में कमी आ गई और तप और ज्ञान का महत्व बढ़ गया। फिर भी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को वैदिक धर्म में सदा जीवन का लक्ष्य माना गया। |
+ | __INDEX__ |
०२:०२, ४ अप्रैल २०१० के समय का अवतरण
पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है। |
वैदिक धर्म / Vedic Religion
कर्म पर आधारित
- चार आश्रमों का समाज,
- चार आश्रमों का व्यक्तिगत जीवन,
- यम और नियमों का पालन,
- यज्ञ की प्रधानता, इन्द्र, वरुण, अग्नि, सोम, सूर्य, चंद्र, अश्विन, उषा, रुद्र, मरूत, पृथ्वी, समुद्र, सरस्वती और वाग्देवी की उपसना-ये वैदिक धर्म के प्रमुख स्तंभ हैं। धर्म को अभ्युदय और नि:श्रेयस का साधन माना जाता था। वैदिक धर्म सांप्रदायिक संकीर्णता से ग्रस्त न होकर सार्वभौम धर्म रहा है। कालांतर में उपनिषद-काल में यज्ञ और कर्मकांड में कमी आ गई और तप और ज्ञान का महत्व बढ़ गया। फिर भी धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को वैदिक धर्म में सदा जीवन का लक्ष्य माना गया।