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==व्योमासुर गुफा / Vyomasur Gufa==
 
==व्योमासुर गुफा / Vyomasur Gufa==
पहाड़ी के मध्य में व्योमासुर की गुफा है। यहीं पर [[कृष्ण]] ने व्योमासुर का वध किया था। इसे मेधावी मुनि की कन्दरा भी कहते हैं। मेधावी मुनि ने यहाँ कृष्ण की आराधना की थी। पास में ही पहाड़ी नीचे श्रीबलदेव प्रभु का चरणचिह्न है। जिस समय श्रीकृष्ण व्योमासुर का वध कर रहे थे, उस समय पृथ्वी काँपने लगी। बल्देव जी ने अपने चरणों से पृथ्वी को दबाकर शान्त कर दिया था। उन्हीं के चरणों का चिह्न आज भी दर्शनीय है।
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पहाड़ी के मध्य में व्योमासुर की गुफा है। यहीं पर [[कृष्ण]] ने व्योमासुर का वध किया था। इसे मेधावी मुनि की कन्दरा भी कहते हैं। मेधावी मुनि ने यहाँ कृष्ण की आराधना की थी। पास में ही पहाड़ी नीचे श्रीबलदेव प्रभु का चरणचिह्न है। जिस समय श्रीकृष्ण व्योमासुर का वध कर रहे थे, उस समय [[पृथ्वी]] काँपने लगी। बल्देव जी ने अपने चरणों से पृथ्वी को दबाकर शान्त कर दिया था। उन्हीं के चरणों का चिह्न आज भी दर्शनीय है।
  
 
==काम्यवन के कुण्ड==
 
==काम्यवन के कुण्ड==

१९:४७, ४ फ़रवरी २०१० का अवतरण



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व्योमासुर गुफा / Vyomasur Gufa

पहाड़ी के मध्य में व्योमासुर की गुफा है। यहीं पर कृष्ण ने व्योमासुर का वध किया था। इसे मेधावी मुनि की कन्दरा भी कहते हैं। मेधावी मुनि ने यहाँ कृष्ण की आराधना की थी। पास में ही पहाड़ी नीचे श्रीबलदेव प्रभु का चरणचिह्न है। जिस समय श्रीकृष्ण व्योमासुर का वध कर रहे थे, उस समय पृथ्वी काँपने लगी। बल्देव जी ने अपने चरणों से पृथ्वी को दबाकर शान्त कर दिया था। उन्हीं के चरणों का चिह्न आज भी दर्शनीय है।

काम्यवन के कुण्ड

साँचा:कुण्ड