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चैत्र माह से प्रारंभ होने वाला वर्ष का पांचवा महीना जो ईस्वी कलेंडर के जुलाई या अगस्त माह में पड़ता है । इसे वर्षा ऋतु का महीना या पावस ॠतु भी कहा जाता है क्योंकि इस समय बहुत वर्षा होती है । इस माह में अनेक महत्वपूर्ण त्यौहार मनाए जाते हैं जिसमें [[तीज]], [[रक्षाबंधन]], [[नागपंचमी]], [[जन्माष्टमी]] आदि प्रमुख हैं । श्रावण पूर्णिमा को दक्षिण भारत में नारियली पूर्णिमा व अवनी अवित्तम, मध्य भारत में कजरी पूनम, उत्तर भारत में रक्षा बंधन और गुजरात में पवित्रोपना के रूप में मनाया जाता है । हमारे त्योहारों विविधता ही तो भारत की विशिष्टता की पहचान है । | चैत्र माह से प्रारंभ होने वाला वर्ष का पांचवा महीना जो ईस्वी कलेंडर के जुलाई या अगस्त माह में पड़ता है । इसे वर्षा ऋतु का महीना या पावस ॠतु भी कहा जाता है क्योंकि इस समय बहुत वर्षा होती है । इस माह में अनेक महत्वपूर्ण त्यौहार मनाए जाते हैं जिसमें [[तीज]], [[रक्षाबंधन]], [[नागपंचमी]], [[जन्माष्टमी]] आदि प्रमुख हैं । श्रावण पूर्णिमा को दक्षिण भारत में नारियली पूर्णिमा व अवनी अवित्तम, मध्य भारत में कजरी पूनम, उत्तर भारत में रक्षा बंधन और गुजरात में पवित्रोपना के रूप में मनाया जाता है । हमारे त्योहारों विविधता ही तो भारत की विशिष्टता की पहचान है । |
०६:२८, २६ जुलाई २००९ का अवतरण
श्रावण / सावन / shrawan / sawan
चैत्र माह से प्रारंभ होने वाला वर्ष का पांचवा महीना जो ईस्वी कलेंडर के जुलाई या अगस्त माह में पड़ता है । इसे वर्षा ऋतु का महीना या पावस ॠतु भी कहा जाता है क्योंकि इस समय बहुत वर्षा होती है । इस माह में अनेक महत्वपूर्ण त्यौहार मनाए जाते हैं जिसमें तीज, रक्षाबंधन, नागपंचमी, जन्माष्टमी आदि प्रमुख हैं । श्रावण पूर्णिमा को दक्षिण भारत में नारियली पूर्णिमा व अवनी अवित्तम, मध्य भारत में कजरी पूनम, उत्तर भारत में रक्षा बंधन और गुजरात में पवित्रोपना के रूप में मनाया जाता है । हमारे त्योहारों विविधता ही तो भारत की विशिष्टता की पहचान है ।