संस्कृत

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संस्कृत

संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है । यह दुनिया की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है । संस्कृत  हिन्दी-यूरोपीय भाषा परिवार की मुख्य शाखा हिन्दी-ईरानी भाषा की हिन्दी-आर्य उपशाखा की मुख्य भाषा है । आधुनिक भारतीय भाषाएँ हिन्दी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, बंगला, उड़िया, नेपाली, कश्मीरी, उर्दू आदि सभी भाषाएं इसी से उत्पन्न हैं । इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है । हिन्दू धर्म के लगभग सभी धर्मग्रन्थ संस्कृत भाषा में ही लिखे हुए हैं । आज भी हिन्दू धर्म के यज्ञ और पूजा संस्कृत भाषा में ही होते हैं । आधुनिक विद्वानों मानते हैं कि संस्कृत भाषा पाँच हजार सालों से चलता आ रहा है । भारतवर्ष में यह आर्यभाषा सर्वाधिक महत्वपूर्ण, व्यापक और संपन्न है । इसके द्वारा भारत की उत्कृष्टतम प्रतिभाएँ, अमूल्य चिंतन, मनन, विवेक, रचनात्मक, सृजन और वैचारिक ज्ञान की अभिव्यक्ति हुई है । आज भी सभी क्षेत्रों में इस भाषा के द्वारा पुस्तक संरचना की धारा अबाध रूप से बह रही है । आज भी यह भाषा ( अत्यंत सीमित क्षेत्र में ही सही ) बोली, पढ़ी और लिखी जाती है । इसमें व्याख्यान होते हैं और भारत के विभिन्न प्रादेशिक भाषा भाषी योग्यजन इसका परस्पर वार्तालाप में भी प्रयोग करते हैं । हिंदुओं के सांस्कारिक कार्यों में आज भी यह प्रयुक्त होती है । इसी कारण ग्रीक और लैटिन आदि प्राचीन मृत भाषाओं (डेड लैंग्वेजेज़) से संस्कृत की स्थिति सर्वथा भिन्न है । यह अमर भाषा है ।


  • संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की माता है । इसकी अधिकांश शब्दावली या तो संस्कृत से ली गयी है या संस्कृत से प्रभावित है । पूरे भारत में संस्कृत के अध्ययन-अध्यापन से भारतीय भाषाओं में अधिकाधिक एकरूपता आयेगी जिससे भारतीय एकता बलवती होगी । इसे पुनः प्रचलित भाषा भी बनाया जा सकता है ।
  • हिन्दू, बौद्ध, जैन आदि धर्मों के प्राचीन धार्मिक ग्रन्थ संस्कृत में ही हैं ।
  • हिन्दुओं के सभी पूजा-पाठ और धार्मिक संस्कार की भाषा संस्कृत ही है ।
  • हिन्दुओं, बौद्धों और जैनों के नाम भी संस्कृत भाषा पर आधारित होते हैं ।
  • भारतीय भाषाओं की तकनीकी शब्दावली भी संस्कृत से ही व्युत्पन्न की जाती है ।
  • संस्कृत, भारत को एकता के सूत्र में बाँधती है ।
  • संस्कृत का प्राचीन साहित्य अत्यधिक प्राचीन, विशाल और विविधता से पूर्ण है । इसमें अध्यात्म, दर्शन, ज्ञान-विज्ञान, और साहित्य की भरपूर सामग्री है । इसके अध्ययन से ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति को बढावा मिलेगा । संस्कृत को कम्प्यूटर के लिये सबसे उपयुक्त भाषा माना जाता है।