सूर्य तीर्थ

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सूर्य तीर्थ

विरोचन के पुत्र महाराज बलि ने यहाँ सूर्यदेव की आराधना कर मनोवाच्छित फल की प्राप्ति की थी क्योंकि सूर्यदेव अपनी द्वादश कलाओं के साथ यहाँ अपने आराध्यदेव श्री कृष्ण की आराधना में तत्पर रहते हैं । यहाँ रविवार, संक्रान्ति, सूर्यग्रहण या चन्द्रग्रहण के योग में स्नान करने से राजसूर्य यज्ञ का फल प्राप्त होता है । तथा मुक्ति होने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है । पास ही में बलि महाराज का टीला है । जहाँ श्रीमन्दिर में बलि महाराज और उनके आराध्य श्रीवामनदेव का दर्शन है ।