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[[चित्र:Rath Yatra Rang Nath Ji Temple Vrindavan Mathura 1 .jpg|रथ यात्रा, रंग नाथ जी मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Rath Yatra, Rang Nath Ji Temple, Vrindavan|thumb|200px]]
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धर्म, साहित्य और संगीत के सन्दर्भ में महाकवि सूरदास का स्थान न केवल हिन्दी-भाषा क्षेत्र, बल्कि सम्पूर्ण भारत में मध्ययुग की महान विभूतियों में अग्रगण्य है। यह सूरदास की लोकप्रियता और महत्ता का ही प्रमाण है कि 'सूरदास' नाम किसी भी अन्धे भक्त गायक के लिए रूढ़ सा हो गया है। मध्ययुग में इस नाम के कई भक्त कवि और गायक हो गये हैं अपने विष
[[चित्र:Rath Yatra Rang Nath Ji Temple Vrindavan Mathura 2 .jpg|रथ यात्रा, रंग नाथ जी मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Rath Yatra, Rang Nath Ji Temple, Vrindavan|thumb|200px]]
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[[चित्र:Rath Yatra Rang Nath Ji Temple Vrindavan Mathura 3 .jpg|रथ यात्रा, रंग नाथ जी मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Rath Yatra, Rang Nath Ji Temple, Vrindavan|thumb|200px]]
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<font color=red size=3>हिन्दी साहित्य में भक्तिकाल में कृष्ण भक्ति के भक्त कवियों में महाकवि सूरदास का नाम अग्रणी है। उनका जन्म 1478 ईस्वी में मथुरा आगरा मार्ग पर स्थित रुनकता नामक गांव में हुआ था। कुछ लोगों का कहना है कि सूरदास जी का जन्म सीही नामक ग्राम में एक ग़रीब सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बाद में वह आगरा और मथुरा के बीच गऊघाट पर आकर रहने लगे थे ।</font>

१२:४५, १४ मई २०१० के समय का अवतरण

braj discovery

धर्म, साहित्य और संगीत के सन्दर्भ में महाकवि सूरदास का स्थान न केवल हिन्दी-भाषा क्षेत्र, बल्कि सम्पूर्ण भारत में मध्ययुग की महान विभूतियों में अग्रगण्य है। यह सूरदास की लोकप्रियता और महत्ता का ही प्रमाण है कि 'सूरदास' नाम किसी भी अन्धे भक्त गायक के लिए रूढ़ सा हो गया है। मध्ययुग में इस नाम के कई भक्त कवि और गायक हो गये हैं अपने विष

हिन्दी साहित्य में भक्तिकाल में कृष्ण भक्ति के भक्त कवियों में महाकवि सूरदास का नाम अग्रणी है। उनका जन्म 1478 ईस्वी में मथुरा आगरा मार्ग पर स्थित रुनकता नामक गांव में हुआ था। कुछ लोगों का कहना है कि सूरदास जी का जन्म सीही नामक ग्राम में एक ग़रीब सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बाद में वह आगरा और मथुरा के बीच गऊघाट पर आकर रहने लगे थे ।