खान पान

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
रेणु (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०८:१५, २२ मार्च २०१० का अवतरण (Text replace - 'त्यौहार' to 'त्योहार')
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ


ख़ान पान / Khan Paan

ब्रज के भोज्य पदार्थों में मिष्ठान की अधिकता रहती है। ब्रज में ठाकुरजी का छप्पन भोग एवं पेड़ा का भोग विशेष स्थान रखता है। श्रीबलदाऊ एवं श्रीकृष्ण के भोग माखन मिश्री का भी ख़ास स्थान है। मथुरा का पेड़ा एव खुरचन दूर–दूर तक प्रसिद्ध है। प्रात:कालीन अल्पाहार 'कलेवा' के समय भी नमकीन के साथ मिष्ठान का चलन हैं। दोपहर के भोजन 'रसोई' में रोटी, दाल-चावल, कढ़ी, सब्जी अथवा पकवान में पूरी कचौड़ी, सब्जी, खीर, रायता, दही, बूरा आदि का चलन है। मौसम के अनुसार सर्दियों में बाजरा, मक्का की रोटी आमतौर पर गेहूँ अथवा गेहूँ चना की मिश्रित रोटी(मिस्सी रोटी )का सेवन होता है। सायं काल में मौसमी फलों का, रात्रि बेला में पराठों के साथ सब्जी तथा मिष्ठान का चलन है। गाँव में तीज त्योहार पर तथा अन्य अवसरों पर अतिथियों के सत्कार में अन्य पकवान, के साथ घी–बूरा का विशेष चलन है। यहाँ पर भण्डारों एवं अन्य अवसरों पर मालपुआ, खीर एवं सब्जी तथा रायता भी परोसा जाता है।