चतुर्भुजदास
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चतुर्भुजदास
चतुर्भुजदास कुंभनदास जी के पुत्र और गोसाईं विट्ठलनाथ जी के शिष्य थे । इन्हें भी अष्टछाप के कवियों में माना जाता है । इनकी भाषा चलती और सुव्यवस्थित है । इनके बनाए तीन ग्रंथ मिले हैं ।
कृतियाँ
- द्वादशयश
- भक्तिप्रताप
- हितजू को मंगल