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उपयोगी कलाओं में उन वस्तुओं को लिया जाता हैं जिनका संबंध मनुष्य की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति से भी हैं।  इनमें भी सौंदर्य का ध्यान रखा तो जाता हैं, पर वह गौण होता है। अत: कला शब्द से सामान्यत: ललितकलाओं का ही आशय लिया जाता है।
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उपयोगी कलाओं में उन वस्तुओं को लिया जाता हैं जिनका संबंध मनुष्य की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति से भी हैं।  इनमें भी सौंदर्य का ध्यान रखा तो जाता हैं, पर वह गौण होता है। अत: कला शब्द से सामान्यत: ललित कलाओं का ही आशय लिया जाता है।

१२:५५, १८ सितम्बर २००९ का अवतरण


कला / Art

कला के दो भेद किए जाते हैं-

  • ललित कला और
  • उपयोगी कला

ललित कला के पांच अंग हैं -


उपयोगी कलाओं में उन वस्तुओं को लिया जाता हैं जिनका संबंध मनुष्य की भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति से भी हैं। इनमें भी सौंदर्य का ध्यान रखा तो जाता हैं, पर वह गौण होता है। अत: कला शब्द से सामान्यत: ललित कलाओं का ही आशय लिया जाता है।