गीता 17:9

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
Gaurav (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित ०५:४०, १४ अक्टूबर २००९ का अवतरण (नया पृष्ठ: {{menu}}<br /> <table class="gita" width="100%" align="left"> <tr> <td> ==गीता अध्याय-17 श्लोक-9 / Gita Chapter-17 Verse-9== {| width="80%"...)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ


गीता अध्याय-17 श्लोक-9 / Gita Chapter-17 Verse-9

प्रसंग-


ग्रहण करने योग्य सात्त्विक पुरूषों के आहार का वर्णन करके अब अगले दो श्लोकों में त्याग करने योग्य राजस और तामस पुरूषों के आहार का वर्णन करते हैं


कट्वम्ललवणात्युष्णतीक्ष्णरूक्षविदाहिन: ।
आहारा राजसस्येष्टा दु:खशोकामयप्रदा: ।।9।।



कड़वे, खट्टे, लवण युक्त, बहुत गरम, तीखे, रूखे, दाहकारक और दु:ख, चिन्ता तथा रोगों को उत्पत्र करने वाले आहार अर्थात् भोजन करने के पदार्थ राजस पुरूष को प्रिय होते है ।।9।।

EFoods which are bitter, acid, salty, overhot, pungent, dry and burning, and which cause suffering, grief and sickness, are dear to the Rajasika type of men.(9)


कटु = कडुवे ; अम्ल = खट्टे ; लबण = लवणयुक्त (और) ; अत्युष्ण = अति गरम ; तीक्ष्ण = तीक्ष्ण ; रूक्ष = रूखे (और) ; विदाहिन: = दाहकारक (एवं) ; दु:खशोकामयप्रदा: = दु:ख चिन्ता और रोगों को उत्पन्न करने वाले ; आहारा: = आहार अर्थात् भोजन करने के पदार्थ ; राजसस्य = राजस पुरूष को ; इष्टा: = प्रिय होते हैं


<= पीछे Prev | आगे Next =>


अध्याय सतरह श्लोक संख्या
Verses- Chapter-17

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__

  • गीता अध्याय-Gita Chapters
    • गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
    • गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
    • गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
    • गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
    • गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
    • गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
    • गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
    • गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
    • गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
    • गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
    • गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
    • गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
    • गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
    • गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
    • गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
    • गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
    • गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
    • गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter

</sidebar>