"तिन्दुक" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो
पंक्ति ५: पंक्ति ५:
 
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! मम लोके महीयते ।।<ref>सभी–आदिवाराह पुराण</ref>
 
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! मम लोके महीयते ।।<ref>सभी–आदिवाराह पुराण</ref>
  
यह भी [[गुह्म तीर्थ]] है । यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है । पास ही में दण्डी घाट है जहाँ श्री [[चैतन्य महाप्रभु]] ने स्नान किया था और अपने नृत्य एवं संकीर्तन से सभी को मुग्ध कर दिया था । आजकल इसे बंगाली घाट भी कहते हैं ।
+
यह भी [[गुह्म तीर्थ]] है । यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है । पास ही में दण्डी घाट है जहाँ श्री [[चैतन्य महाप्रभु]] ने स्नान किया था और अपने नृत्य एवं संकीर्तन से सभी को मुग्ध कर दिया था । '''आजकल इसे बंगाली घाट भी कहते हैं'''
 
{{यमुना के घाट}}
 
{{यमुना के घाट}}
 
==टीका-टिपण्णी==
 
==टीका-टिपण्णी==

१०:२६, ४ जनवरी २०१० का अवतरण


तिन्दुक तीर्थ / Tinduk Tirth

अस्ति क्षेत्रं परं गुह्म तिन्दुकं नाम क्रमत:।
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! मम लोके महीयते ।।[१]

यह भी गुह्म तीर्थ है । यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है । पास ही में दण्डी घाट है जहाँ श्री चैतन्य महाप्रभु ने स्नान किया था और अपने नृत्य एवं संकीर्तन से सभी को मुग्ध कर दिया था । आजकल इसे बंगाली घाट भी कहते हैंसाँचा:यमुना के घाट

टीका-टिपण्णी

  1. सभी–आदिवाराह पुराण