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बेतवा मध्य प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है ।
 
बेतवा मध्य प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है ।
 
दशार्ण की पहचान आधुनिक "धसन' नामक नदी से की जाती है, जो भोपाल से प्रवाहित होती हुई बेतवा ( वेत्रवती ) नदी में गिरती है । मार्कण्डेय पुराण में, दशार्ण देश के नाम की उत्पत्ति का कारण, दशार्णा नदी को ही बतलाया गया है, जो इस क्षेत्र से होकर प्रवाहित होती है । वायु पुराण में इस नदी के बारे में कहा गया है कि इसका उद्गम स्थल पर्वत है । प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता एस० एम० अली ने पुराणों के आधार पर विंध्यक्षेत्र के तीन जनपदों - [[विदिशा]], दशार्ण एवं करुष का सोन-केन से समीकरण किया है । इसी प्रकार त्रिपुरी लगभग ऊपरी [[नर्मदा]] की घाटी तथा जबलपुर, मंडला तथा नरसिंहपुर जिलों के कुछ भागों का प्रदेश माना है. इतिहासकार जयचंद्र विद्यालंकार ने ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टियों को संतुलित करते हुए बुंदेलखंड को कुछ रेखाओं में समेटने का प्रयत्न किया है, विंध्यमेखला का तीसरा प्रखंड बुंदेलखंड है जिसमें बेतवा (वेत्रवती), धसान (दशार्ण) और [[केन]] (शुक्तिगती) के काँठे, [[नर्मदा]] की ऊपरली घाटी और पचमढ़ी से अमरकंटक तक ॠक्ष पर्वत का हिस्सा सम्मिलित है । उसकी पूरबी सीमा टोंस (तमसा) नदी है ।
 
दशार्ण की पहचान आधुनिक "धसन' नामक नदी से की जाती है, जो भोपाल से प्रवाहित होती हुई बेतवा ( वेत्रवती ) नदी में गिरती है । मार्कण्डेय पुराण में, दशार्ण देश के नाम की उत्पत्ति का कारण, दशार्णा नदी को ही बतलाया गया है, जो इस क्षेत्र से होकर प्रवाहित होती है । वायु पुराण में इस नदी के बारे में कहा गया है कि इसका उद्गम स्थल पर्वत है । प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता एस० एम० अली ने पुराणों के आधार पर विंध्यक्षेत्र के तीन जनपदों - [[विदिशा]], दशार्ण एवं करुष का सोन-केन से समीकरण किया है । इसी प्रकार त्रिपुरी लगभग ऊपरी [[नर्मदा]] की घाटी तथा जबलपुर, मंडला तथा नरसिंहपुर जिलों के कुछ भागों का प्रदेश माना है. इतिहासकार जयचंद्र विद्यालंकार ने ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टियों को संतुलित करते हुए बुंदेलखंड को कुछ रेखाओं में समेटने का प्रयत्न किया है, विंध्यमेखला का तीसरा प्रखंड बुंदेलखंड है जिसमें बेतवा (वेत्रवती), धसान (दशार्ण) और [[केन]] (शुक्तिगती) के काँठे, [[नर्मदा]] की ऊपरली घाटी और पचमढ़ी से अमरकंटक तक ॠक्ष पर्वत का हिस्सा सम्मिलित है । उसकी पूरबी सीमा टोंस (तमसा) नदी है ।
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०७:१३, २३ जुलाई २००९ का अवतरण

बेतवा नदी / Betwa River

बेतवा मध्य प्रदेश राज्य में बहने वाली एक नदी है । दशार्ण की पहचान आधुनिक "धसन' नामक नदी से की जाती है, जो भोपाल से प्रवाहित होती हुई बेतवा ( वेत्रवती ) नदी में गिरती है । मार्कण्डेय पुराण में, दशार्ण देश के नाम की उत्पत्ति का कारण, दशार्णा नदी को ही बतलाया गया है, जो इस क्षेत्र से होकर प्रवाहित होती है । वायु पुराण में इस नदी के बारे में कहा गया है कि इसका उद्गम स्थल पर्वत है । प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता एस० एम० अली ने पुराणों के आधार पर विंध्यक्षेत्र के तीन जनपदों - विदिशा, दशार्ण एवं करुष का सोन-केन से समीकरण किया है । इसी प्रकार त्रिपुरी लगभग ऊपरी नर्मदा की घाटी तथा जबलपुर, मंडला तथा नरसिंहपुर जिलों के कुछ भागों का प्रदेश माना है. इतिहासकार जयचंद्र विद्यालंकार ने ऐतिहासिक और भौगोलिक दृष्टियों को संतुलित करते हुए बुंदेलखंड को कुछ रेखाओं में समेटने का प्रयत्न किया है, विंध्यमेखला का तीसरा प्रखंड बुंदेलखंड है जिसमें बेतवा (वेत्रवती), धसान (दशार्ण) और केन (शुक्तिगती) के काँठे, नर्मदा की ऊपरली घाटी और पचमढ़ी से अमरकंटक तक ॠक्ष पर्वत का हिस्सा सम्मिलित है । उसकी पूरबी सीमा टोंस (तमसा) नदी है ।