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+ | * बिम्बिसार [[बौद्ध धर्म]] का अनुयाई था। बिम्बिसार ने [[राजगृह]] का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया। बिम्बिसार ने क़रीब 52 साल तक मगध पर शासन किया। बिम्बिसार ने वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित करके अपने साम्राज्य का विस्तार किया। बिम्बिसार की हत्या कर उसका पुत्र [[अजातशत्रु]] ने की थी। | ||
+ | *अजातशत्रु 493 ईसा पूर्व मगध की गद्दी पर बैठा था। अजातशत्रु का उपनाम कुणिक था। अजातशत्रु ने मगध पर 32 वर्षो तक शासन किया था। अजातशत्रु शुरू मैं [[जैन धर्म]] का अनुयाई था। अजातशत्रु की हत्या उसके पुत्र उदयींन ने की थी। वह मगध की गद्दी पर 461 ईसा पूर्व बैठा था। | ||
+ | *हर्यक वंश का अंतिम शासक उदयींन का पुत्र नाग्दशक था। | ||
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१०:४२, २५ दिसम्बर २०११ के समय का अवतरण
मगध राज्य का उत्कर्ष
- मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक व्रहद्रथ थे। मगध राज्य की राजधानी राजगृह (गिरिब्रज) थी।
- मगध की गद्दी पर बिम्बिसार 545 ईसा पूर्व में बैठा था। बिम्बिसार हर्यक वंश का संस्थापक था। बिम्बिसार ने व्रहद्रथ को हराकर अंग राज्य को मगध मे मिला लिया।
- बिम्बिसार बौद्ध धर्म का अनुयाई था। बिम्बिसार ने राजगृह का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया। बिम्बिसार ने क़रीब 52 साल तक मगध पर शासन किया। बिम्बिसार ने वैवाहिक सम्बन्ध स्थापित करके अपने साम्राज्य का विस्तार किया। बिम्बिसार की हत्या कर उसका पुत्र अजातशत्रु ने की थी।
- अजातशत्रु 493 ईसा पूर्व मगध की गद्दी पर बैठा था। अजातशत्रु का उपनाम कुणिक था। अजातशत्रु ने मगध पर 32 वर्षो तक शासन किया था। अजातशत्रु शुरू मैं जैन धर्म का अनुयाई था। अजातशत्रु की हत्या उसके पुत्र उदयींन ने की थी। वह मगध की गद्दी पर 461 ईसा पूर्व बैठा था।
- हर्यक वंश का अंतिम शासक उदयींन का पुत्र नाग्दशक था।
शिशुनाग वंश
शिशुनाग ने 412 ईसा पूर्व मैं शिशुनाग वंश का संस्थापक शिशुनाग था। शिशुनाग ने अपनी राजधानी पाटलिपुत्र से हटाकर वैशाली में स्थापित की।
टीका टिप्पणी और संदर्भ