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यह मंदिर वृन्दावन में हरिदसीय - सम्प्रदाय के अन्तरगत अपना विशिष्ट स्थान रखता है. आज से लगभग ढाई सो वर्ष पूर्व इस स्थान पर एक छोटा सा मंदिर था जिसका निर्माण हरिदसीय - गृहस्थ परम्परा के आचार्य श्री स्नेहहिलाल जी गोस्वामी ने कराया था. श्री स्नेहही लाल जी श्री बनके बिहारी जी महाराज के शयनभोग सेवाधिकारी थे एवं स्वामी श्री हरिदासजी महाराज से दसवी पीडी पर विधमान थे. आप श्री बनके बिहारी जी महाराज के परम रसिक आनान्य भक्त थे. | यह मंदिर वृन्दावन में हरिदसीय - सम्प्रदाय के अन्तरगत अपना विशिष्ट स्थान रखता है. आज से लगभग ढाई सो वर्ष पूर्व इस स्थान पर एक छोटा सा मंदिर था जिसका निर्माण हरिदसीय - गृहस्थ परम्परा के आचार्य श्री स्नेहहिलाल जी गोस्वामी ने कराया था. श्री स्नेहही लाल जी श्री बनके बिहारी जी महाराज के शयनभोग सेवाधिकारी थे एवं स्वामी श्री हरिदासजी महाराज से दसवी पीडी पर विधमान थे. आप श्री बनके बिहारी जी महाराज के परम रसिक आनान्य भक्त थे. | ||
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१०:५४, २२ जून २०११ का अवतरण
==राधा स्नेह बिहारी मन्दिर
/ Radha Sneh Bihari Temple==
यह मंदिर वृन्दावन में हरिदसीय - सम्प्रदाय के अन्तरगत अपना विशिष्ट स्थान रखता है. आज से लगभग ढाई सो वर्ष पूर्व इस स्थान पर एक छोटा सा मंदिर था जिसका निर्माण हरिदसीय - गृहस्थ परम्परा के आचार्य श्री स्नेहहिलाल जी गोस्वामी ने कराया था. श्री स्नेहही लाल जी श्री बनके बिहारी जी महाराज के शयनभोग सेवाधिकारी थे एवं स्वामी श्री हरिदासजी महाराज से दसवी पीडी पर विधमान थे. आप श्री बनके बिहारी जी महाराज के परम रसिक आनान्य भक्त थे.
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