वैकुण्ठ तीर्थ

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साँचा:यमुना के घाट

चक्रतीर्थ / Chakratirth

वैकुण्ठतीर्थें य: स्नाति मुच्यते सर्वपातके: ।
सर्वपापविनिर्मुक्तो विष्णुलोकं स गच्छति ॥

जो व्यक्ति वैकुण्ठ तीर्थ में स्नान करता है वह सभी प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है और वह व्यक्ति सर्वप्रकार के पापों से मुक्त होकर विष्णुलोक को चला जाता है ।