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* यह [[कंस]] का निवास स्थान या उसका राजभवन था । क़िले का भग्नावशेष आज भी उसकी साक्षी दे रहा है। | * यह [[कंस]] का निवास स्थान या उसका राजभवन था । क़िले का भग्नावशेष आज भी उसकी साक्षी दे रहा है। | ||
* यह क़िला आमेर के राजा मानसिंह ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था । | * यह क़िला आमेर के राजा मानसिंह ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था । |
०८:२२, २५ मार्च २०१० का अवतरण
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कंस क़िला / Kans Kila / Kans Qila
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- यह कंस का निवास स्थान या उसका राजभवन था । क़िले का भग्नावशेष आज भी उसकी साक्षी दे रहा है।
- यह क़िला आमेर के राजा मानसिंह ने 17वीं शताब्दी में बनवाया था ।
- कंस क़िला और स्वामी घाट (स्वामी घाट के पास में) वसुदेव घाट के बीच में ब्रह्म घाट, वैकुण्ठ घाट और धारापतन है । तत्पश्चात असकुण्ड (असकुण्डा घाट) और मणिकर्णिका घाट के पश्चात विश्राम घाट है।
- यहीं पर पञ्चकोसी मथुरा परिक्रमा समाप्त होती है। अन्तरगृही परिक्रमा में विश्राम घाट के दक्षिण में गताश्रम नारायण का मन्दिर है ।
- वर्तमान सती बुर्ज के पास ही दाहिनी ओर गली में चर्चिका देवी का दर्शन है। रंगेश्वर महादेव मंदिर के पास पूर्व की ओर सप्त सामुद्री कूप है।
- जंक्शन स्टेशन जाने वाले राजमार्ग पर रेल लाईन के नीचे शिव ताल है।
- वहीं से मधुवन जाने का रास्ता भी है। भरतपुर दरवाजे के समीप ही दीर्घ विष्णु का मन्दिर है।