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रावण /Ravana
रावण रामायण का एक विशेष पात्र है । रावण लंका का राजा था । वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था (साधारण से दस गुणा अधिक मस्तिष्क शक्ति), जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = मुख) भी था । किसी भी कृति के लिये अच्छे पात्रों के साथ ही साथ बुरे पात्रों का होना अति आवश्यक है । किन्तु रावण में अवगुण की अपेक्षा गुण अधिक थे । जीतने वाला हमेशा अपने को उत्तम लिखता है, अतः रावण को बुरा कहा गया है । रावण को चारों वेदों का ज्ञाता कहा गया है । संगीत के क्षेत्र में भी रावण की विद्वता अपने समय में अद्वितीय मानी जाती है । बेला नामक वाद्य जिसे अंग्रेज़ी में वायलिन कहते हैं, रावण ने ही बनाया था।
- रावण शिव भक्त था । कैलास (कैलाश) पर्वत को उठाने की कथा की मूर्ति मथुरा में मिली है ।
- रामकथा में रावण ऐसा पात्र है, जो राम के उज्ज्वल चरित्र को उभारने काम करता है ।
- रावण ने राम की पत्नी सीता का हरण किया था । राम ने रावण को युद्ध में मार कर सीता को छुड़ाया ।
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