ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
गीता अध्याय-14 श्लोक-21 / Gita Chapter-14 Verse-21
प्रसंग-
इस प्रकार जीवन-अवस्था में ही तीनों गुणों से अतीत होकर मनुष्य अमृत को प्राप्त हो जाता है|इस रहस्य युक्त बात को सुनकर गुणातीत पुरूष के लक्षण, आचरण और गुणातीत बनने के उपाय जानने की इच्छा से अर्जुन पूछते हैं-
अर्जुन उवाच
कैर्लिग्ङैस्त्रीन्गुणानेतानतीतो भवति प्रभो ।
किमाचार: कथं चैतांस्त्रीन्गुणानतिवर्तते ।।21।।
|
अर्जुन बोले-
इन तीनों गुणों से अतीत पुरूष किन-किन लक्षणों से युक्त होता है और किस प्रकार के आचरणों वाला होता है; तथा हे प्रभो ! मनुष्य किस उपाय से इन तीनों गुणों से अतीत होता है ।।21।।
|
arjuna said-
What are the marks of him who has risen above the three Gunas, and what is his conduct? And how, Lord, does he rise above the three Gunas? (21)
|
इतान् = इन ; त्रीन् = तीनों ; गुणों से ; अतीत: = अतीत हुआ पुरूष ; कै:लिग्डै: = किन किन लक्षणोंसे (युक्त) ; भवति = होता है (मनुष्य) ; कथम् = किस उपाय से ; एतान् = इन ; च =और ; किमाचार: = किस प्रकार के आचरणोंवाला ; भवति = होता है (तथा) ; प्रभो = हे प्रभो ; त्रीन् = तीनों ; गुणान् = गुणों से अतिवर्तते = अतीत होता है
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|