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१२:४९, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण
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जतीपुरा / Jatipura
यह बल्लभ सम्प्रदाय का प्रमुख केन्द्र है। यहीं गोवर्धन पर श्रीनाथजी का प्राचीन मन्दिर था, जो अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। यहीं अष्टछाप के कवि सूरदास आदि कीर्तन करते थे। श्रीबल्लभाचार्य जी एवं विट्ठलनाथजी की यहाँ बैठकें हैं। बल्लभ सम्प्रदाय के यहाँ अनेक मन्दिर हैं। जतीपुरा का नाम गोपालपुरा था, यहीं श्रीगिर्राज का मुखारबिन्द है। श्याम, ढाक, हरजी कुण्ड, ताजबीबी का चबूतरा, गोविन्द स्वामी की कदम्ब खण्डी, बिलछू कुण्ड जहां लीला स्थल है वहीं बल्लभ सम्प्रदाय भक्तों के ऐतिहासिक स्थान भी है। जतीपुरा से आगे गुलाल कुण्ड, गाठौली, टोड का घना है।
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