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[[en:Dashashavmedh Tirth]]

१२:५२, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण

दशाश्वमेध तीर्थ / Dashashavmedh Tirth

दशास्वमेधमृषिभि: पूजितं सर्वदा पुरा।
तत्र ये स्नान्ति मनुजास्तेषां स्वर्गो न दुर्ल्लभ:।।
यमुना के इस पवित्र घाट पर ब्रह्माजी ने दश अश्वमेध यज्ञ किये थे। यह स्थान देवर्षि नारद, चतु:सन आदि ऋषियों के द्वारा सदा–सर्वदा पूजित है। यहाँ स्नान करने से मनुष्य को भगवद् धाम की प्राप्ति होती है।

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