"ब्रह्मतीर्थ" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '[[श्रेणी:' to '[[category:')
छो (Text replace - " ।" to "।")
 
(२ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के २ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति ४: पंक्ति ४:
 
तत्र स्नात्वा च पीत्वा च नियतो नियतासन:।<br />
 
तत्र स्नात्वा च पीत्वा च नियतो नियतासन:।<br />
 
ब्रह्मणा समनुज्ञतो विष्णुलोकं स गच्छति।।<br />
 
ब्रह्मणा समनुज्ञतो विष्णुलोकं स गच्छति।।<br />
[[यमुना]] के इस घाट पर अवस्थित होकर लोक पितामह [[ब्रह्मा]]जी भगवद् आराधना करते हैं । यहाँ स्नान, आचमन, यमुनाजल पान और निवास करने से मनुष्य ब्रह्माजी के माध्यम से विष्णुलोक को प्राप्त करता है । ब्रह्मा के नाम से इसका नाम ब्रह्मतीर्थ पड़ा है ।
+
[[यमुना]] के इस घाट पर अवस्थित होकर लोक पितामह [[ब्रह्मा]]जी भगवद् आराधना करते हैं। यहाँ स्नान, आचमन, यमुनाजल पान और निवास करने से मनुष्य ब्रह्माजी के माध्यम से विष्णुलोक को प्राप्त करता है। ब्रह्मा के नाम से इसका नाम ब्रह्मतीर्थ पड़ा है।
 
<br />
 
<br />
{{यमुना के घाट}}
+
==सम्बंधित लिंक==
[[category: कोश]]
+
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
[[category:दर्शनीय-स्थल]]
+
[[Category: कोश]]
 +
[[Category:दर्शनीय-स्थल]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
[[en:Brahma Tirth]]
 
[[en:Brahma Tirth]]

१२:५८, २ नवम्बर २०१३ के समय का अवतरण

ब्रह्मतीर्थ / Brahma Tirth

तीर्थानामुत्तमं तीर्थ ब्रह्मलोकेऽतिविश्रुतम्।
तत्र स्नात्वा च पीत्वा च नियतो नियतासन:।
ब्रह्मणा समनुज्ञतो विष्णुलोकं स गच्छति।।
यमुना के इस घाट पर अवस्थित होकर लोक पितामह ब्रह्माजी भगवद् आराधना करते हैं। यहाँ स्नान, आचमन, यमुनाजल पान और निवास करने से मनुष्य ब्रह्माजी के माध्यम से विष्णुलोक को प्राप्त करता है। ब्रह्मा के नाम से इसका नाम ब्रह्मतीर्थ पड़ा है।

सम्बंधित लिंक