ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
|
|
पंक्ति ३६: |
पंक्ति ३६: |
| </td> | | </td> |
| </tr> | | </tr> |
− | </table> | + | <tr> |
| + | <td> |
| <br /> | | <br /> |
| <div align="center" style="font-size:120%;">'''[[गीता 10:10|<= पीछे Prev]] | [[गीता 10:12-13|आगे Next =>]]'''</div> | | <div align="center" style="font-size:120%;">'''[[गीता 10:10|<= पीछे Prev]] | [[गीता 10:12-13|आगे Next =>]]'''</div> |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | <tr> |
| + | <td> |
| <br /> | | <br /> |
| {{गीता अध्याय 10}} | | {{गीता अध्याय 10}} |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | <tr> |
| + | <td> |
| {{गीता अध्याय}} | | {{गीता अध्याय}} |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | </table> |
| [[category:गीता]] | | [[category:गीता]] |
| __INDEX__ | | __INDEX__ |
०७:१६, २४ अक्टूबर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-10 श्लोक-11 / Gita Chapter-10 Verse-11
तेषामेवानुकम्पार्थमहमज्ञानजं तम: ।
नाशयाम्यात्मभावस्थो ज्ञानदीपेन भास्वता ।।11।।
|
हे अर्जुन ! उनके ऊपर अनुग्रह करने के लिये उनके अन्त:करण में स्थित हुआ मैं स्वयं ही उनके अज्ञानजनित अन्धकार को प्रकाशमय तत्त्वज्ञान रूप दीपक के द्वारा नष्ट कर देता हूँ ।।11।।
|
In order to shower my grace on them I, dwelling in their heart, dispel the darkness born of ignorance by the shining light of wisdom. (11)
|
तेषाम् = उनके(ऊपर); अनुकम्पार्थम् = अनुग्रह करने के लिये; एव = ही; अहम् = मैं स्वयं; आत्मभावस्थ: = (उनके) अन्त: करण में एकीभाव से स्थित हुआ; अज्ञानजम् = अज्ञानसे उत्पत्र हुए; तम: = अन्धकार को; भाखता = प्रकाशमय; ज्ञानदीपेन = तत्त्वज्ञानरूप दीपकद्वारा; नाशयामि = नष्ट करता हूं
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|