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१८:२२, ४ मार्च २०१० का अवतरण
गीता अध्याय-10 श्लोक-15 / Gita Chapter-10 Verse-15
स्वयमेवात्मनात्मानं वेत्थ त्वं पुरुषोत्तम ।
भूतभावन भूतेश देवदेव जगत्पते ।।15।।
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हे भूतों को उत्पन्न करने वाले ! हे भूतों के ईश्वर ! हे देवों के देव ! हे जगत् के स्वामी ! हे <balloon title="मधुसूदन, केशव, पुरुषोत्तम, वासुदेव, माधव, जनार्दन और वार्ष्णेय सभी भगवान् कृष्ण का ही सम्बोधन है।" style="color:green">पुरुषोत्तम</balloon> ! आप स्वयं ही अपने से अपने को जानते हैं ।।15।।
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O creator of beings, O ruler of creatures, o god of gods, the Lord of the universe, o supreme purusa, You alone know what you are by yourself. (15)
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भूतभावान = हे भूतों को उत्पत्र करनेवाले; भूतेश = हे भूतों के ईश्वर; देवदेव = हे देवों के देव; जगत्पते = हे जगत् के स्वामी; पुरुषोत्तम = हे पुरुषोत्तम; त्वम् = आप; स्वयम् = स्व्यम्; आत्मना= अपनेसे; आत्मानम् = आपको; वेत्थ = जानते हैं
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