आर्यदेव बौद्धाचार्य

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

आचार्य आर्यदेव / Acharya Aryadev

आर्यदेव आचार्य नागार्जुन के पट्ट शिष्यों में से अन्यतम हैं। इनके और नागार्जुन के दर्शन में कुछ भी अन्तर नहीं है। उन्होंने नागार्जुन के दर्शन को ही सरल भाषा में स्पष्ट रूप से प्रतिपादित किया है। इनकी रचनाओं में 'चतु:शतक' प्रमुख है, जिसे 'योगाचार चतु:शतक' भी कहते हैं। चन्द्रकीर्ति के ग्रन्थों में इसका 'शतक' या 'शतकशास्त्र' के नाम से भी उल्लेख है। ह्रेनसांग ने इसका चीनी भाषा में अनुवाद किया था। संस्कृत में यह ग्रन्थ पूर्णतया उपलब्ध नहीं है। सातवें से सोलहवें प्रकरण तक भोट भाषा से संस्कृत में रूपान्तरित रूप में उपलब्ध होता है। यह रूपान्तरण भी शत-प्रतिशत ठीक नहीं है। प्रश्नोत्तर शैली में माध्यमिक सिद्धान्त बड़े ही रोचक ढंग से आर्यदेव ने प्रतिपादित किये हैं। कुछ प्रश्न तो ऐसे हैं, जिन्हें आज के विद्वान भी उपस्थित करते हैं, जिनका आर्यदेव ने सुन्दर समाधान किया है।

ह्रेनसांग के अनुसार

ह्रेनसांग के अनुसार ये सिंहल देश से भारत आये थे। इनकी एक ही आंख थी, इसलिए इन्हें काणदेव भी कहा जाता था। इनके देव एवं नीलनेत्र नाम भी प्रसिद्ध थे। कुमारजीव ने ई.सन 405 में इनकी जीवनी का अनुवाद चीनी भाषा में किया था। 'चित्तविशुद्धिप्रकरण' ग्रन्थ भी इनकी रचना है- ऐसी प्रसिद्धि है। 'हस्तवालप्रकरण' या 'मुष्टिप्रकरण' भी इनका ग्रन्थ माना जाता है। परम्परा में जितना नागार्जुन को प्रामाणिक माना जाता है, उतना ही आर्यदेव को भी। इन दोनों आचार्यों के ग्रन्थ माध्यमिक परम्परा में 'मूलशास्त्र' या 'आगम' के रूप में माने जाते हैं।

सम्बंधित लिंक

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__

  • महायान के आचार्य
    • नागार्जुन बौद्धाचार्य|नागार्जुन आचार्य
    • आर्यदेव बौद्धाचार्य|आर्यदेव आचार्य
    • बुद्धपालित बौद्धाचार्य|बुद्धपालित आचार्य
    • भावविवेक बौद्धाचार्य|भावविवेक आचार्य
    • चन्द्रकीर्ति बौद्धाचार्य|चन्द्रकीर्ति आचार्य
    • असंग बौद्धाचार्य|असंग आचार्य
    • वसुबन्धु बौद्धाचार्य|वसुबन्धु आचार्य
    • स्थिरमति बौद्धाचार्य|स्थिरमति आचार्य
    • दिङ्नाग बौद्धाचार्य|दिङ्नाग आचार्य
    • धर्मकीर्ति बौद्धाचार्य|धर्मकीर्ति आचार्य
    • बोधिधर्म बौद्धाचार्य|बोधिधर्म आचार्य
    • शान्तरक्षित बौद्धाचार्य|शान्तरक्षित आचार्य
    • कमलशील बौद्धाचार्य|कमलशील आचार्य
    • पद्मसंभव बौद्धाचार्य|पद्मसंभव आचार्य
    • शान्तिदेव बौद्धाचार्य|शान्तिदेव आचार्य
    • दीपङ्कर श्रीज्ञान बौद्धाचार्य|दीपङ्कर श्रीज्ञान आचार्य

</sidebar>