"गीता 12:3-4" के अवतरणों में अंतर
(नया पृष्ठ: {{menu}}<br /> <table class="gita" width="100%" align="left"> <tr> <td> ==गीता अध्याय-12 श्लोक-3, 4 / Gita Chapter-12 Verse-3, 4== {| width...) |
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'''ये त्वक्षरमनिर्देश्यमव्यक्तं पर्युपासते ।'''<br/> | '''ये त्वक्षरमनिर्देश्यमव्यक्तं पर्युपासते ।'''<br/> | ||
'''सर्वत्रगमचिन्त्यं च कूटस्थमचलं ध्रवम् ।।3।।'''<br/> | '''सर्वत्रगमचिन्त्यं च कूटस्थमचलं ध्रवम् ।।3।।'''<br/> | ||
− | '''संनियम्येन्द्रियग्रामं सर्वत्र | + | '''संनियम्येन्द्रियग्रामं सर्वत्र समबुद्धय: ।'''<br/> |
'''ते प्राप्नुवन्ति मामेव सर्वभूतहिते रता: ।।4।।''' | '''ते प्राप्नुवन्ति मामेव सर्वभूतहिते रता: ।।4।।''' | ||
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१०:३०, १२ अक्टूबर २००९ का अवतरण
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गीता अध्याय-12 श्लोक-3, 4 / Gita Chapter-12 Verse-3, 4
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अध्याय बारह श्लोक संख्या Verses- Chapter-12 |
1 | 2 | 3,4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13, 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 |
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