ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
|
|
पंक्ति ३९: |
पंक्ति ३९: |
| </td> | | </td> |
| </tr> | | </tr> |
− | </table> | + | <tr> |
| + | <td> |
| <br /> | | <br /> |
| <div align="center" style="font-size:120%;">'''[[गीता 18:43|<= पीछे Prev]] | [[गीता 18:45|आगे Next =>]]'''</div> | | <div align="center" style="font-size:120%;">'''[[गीता 18:43|<= पीछे Prev]] | [[गीता 18:45|आगे Next =>]]'''</div> |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | <tr> |
| + | <td> |
| <br /> | | <br /> |
| {{गीता अध्याय 18}} | | {{गीता अध्याय 18}} |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | <tr> |
| + | <td> |
| {{गीता अध्याय}} | | {{गीता अध्याय}} |
| + | </td> |
| + | </tr> |
| + | </table> |
| [[category:गीता]] | | [[category:गीता]] |
| __INDEX__ | | __INDEX__ |
११:२०, २४ अक्टूबर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-18 श्लोक-44 / Gita Chapter-18 Verse-44
प्रसंग-
इस प्रकार क्षत्रियों के स्वाभाविक कर्मों का वर्णन करके अब वैश्य और शूद्रों के स्वाभाविक कर्म बतलाते हैं-
कृषिगौरक्ष्यवाणिज्यं वैश्यकर्म स्वभावजम् ।
परिचर्यात्मकं कर्म शूद्रस्यापि स्वभावजम् ।।44।।
|
खेती, गोपालन और क्रय-विक्रय रूप सत्य व्यवहार- ये वैश्य के स्वाभाविक कर्म हैं । तथा सब वर्णों की सेवा करना शूद्र का भी स्वाभाविक कर्म है ।।44।।
|
Agriculture, rearing of cows and honest exchange of merchandise—these constitute the natural duty of a Vaisya (a member of the trading class).And service of the other classes in the natural duty 'even of a Sudra (a member of the labouring class). (44)
|
कृषिगौरक्ष्य वाणिज्यम् = खेती गौपालन और क्रयविक्रय रूपसत्यव्यवहार (ये) ; शूद्रस्य = शूद्रका ; अपि = भी ; वैश्यकर्म स्वभाववजम् = वैश्य के स्वाभाविक कर्म हैं (और) ; परिचर्यात्मकम् = सब वर्णों की सेवा करना ; स्वभावजम् = स्वाभाविक ; कर्म = कर्म है;
|
|
|
|
<sidebar>
- सुस्वागतम्
- mainpage|मुखपृष्ठ
- ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
- विशेष:Contact|संपर्क
- समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
- SEARCH
- LANGUAGES
__NORICHEDITOR__
- गीता अध्याय-Gita Chapters
- गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
- गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
- गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
- गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
- गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
- गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
- गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
- गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
- गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
- गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
- गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
- गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
- गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
- गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
- गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
- गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
- गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
- गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter
</sidebar>
|