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− | *ये [[द्रुपद]] के पुत्र तथा [[द्रौपदी]] के भाई थे, जो यज्ञकुण्ड से उत्पन्न हुए थे। | + | *ये [[द्रुपद]] के पुत्र तथा [[द्रौपदी]] के भाई थे, जो यज्ञकुण्ड से उत्पन्न हुए थे। |
+ | *महाराज द्रुपद ने [[द्रोणाचार्य]] से अपने अपमान का बदला लेने के लिये संतान-प्राप्ति के उद्देश्य से यज्ञ किया। | ||
+ | *यज्ञ की पूर्णाहुति के समय यज्ञकुण्ड से मुकुट, कुण्डल, कवच, त्रोण तथा धनुष धारण किये हुए एक कुमार प्रकट हुआ। | ||
+ | *इस कुमार का नाम धृष्टद्युम्न रखा गया। | ||
+ | *महाभारत के युद्ध में पाण्डव-पक्ष का यही कुमार सेनापति रहा। | ||
+ | *यज्ञकुण्ड से एक कुमारी भी प्रकट हुई। उसका वर्ण श्याम था तथा वह अत्यन्त सुन्दरी थी। | ||
+ | *महाकाली ने क्षत्रियों के विनाश के लिये अंश रूप से उसमें प्रवेश किया था। उसका नाम कृष्णा रखा गया। | ||
+ | *द्रुपद की पुत्री होने से वह द्रौपदी भी कहलायी। | ||
*इनके पुत्र का नाम धृष्टकेतु था। [[पाण्डव|पाण्डवों]] की ओर से [[महाभारत]] में युद्ध लड़े थे। इन्होंने [[द्रोणाचार्य|द्रोण]] का वध किया था | *इनके पुत्र का नाम धृष्टकेतु था। [[पाण्डव|पाण्डवों]] की ओर से [[महाभारत]] में युद्ध लड़े थे। इन्होंने [[द्रोणाचार्य|द्रोण]] का वध किया था | ||
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०७:५४, २५ नवम्बर २००९ का अवतरण
धृष्टद्युम्न / Dhrishtdyumn
- ये द्रुपद के पुत्र तथा द्रौपदी के भाई थे, जो यज्ञकुण्ड से उत्पन्न हुए थे।
- महाराज द्रुपद ने द्रोणाचार्य से अपने अपमान का बदला लेने के लिये संतान-प्राप्ति के उद्देश्य से यज्ञ किया।
- यज्ञ की पूर्णाहुति के समय यज्ञकुण्ड से मुकुट, कुण्डल, कवच, त्रोण तथा धनुष धारण किये हुए एक कुमार प्रकट हुआ।
- इस कुमार का नाम धृष्टद्युम्न रखा गया।
- महाभारत के युद्ध में पाण्डव-पक्ष का यही कुमार सेनापति रहा।
- यज्ञकुण्ड से एक कुमारी भी प्रकट हुई। उसका वर्ण श्याम था तथा वह अत्यन्त सुन्दरी थी।
- महाकाली ने क्षत्रियों के विनाश के लिये अंश रूप से उसमें प्रवेश किया था। उसका नाम कृष्णा रखा गया।
- द्रुपद की पुत्री होने से वह द्रौपदी भी कहलायी।
- इनके पुत्र का नाम धृष्टकेतु था। पाण्डवों की ओर से महाभारत में युद्ध लड़े थे। इन्होंने द्रोण का वध किया था