"फूल बंगले" के अवतरणों में अंतर
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
छो (Text replace - 'त्यौहार' to 'त्योहार') |
|||
पंक्ति १: | पंक्ति १: | ||
− | {{Menu}} | + | {{Menu}} |
+ | {{incomplete}} | ||
==फूल–बंगले / Phool Bangla== | ==फूल–बंगले / Phool Bangla== | ||
ग्रीष्म काल में प्राय: यथासम्भव प्रतिदिन मन्दिरों में फूलों के भव्य बंगले बनते हैं । [[वृन्दावन]] के [[बांके बिहारी मन्दिर|बिहारीजी]] तथा [[मथुरा]] के [[द्वारिकाधीश मन्दिर|द्वारकाधीश]] में " फूल बंगलों " की छटा दर्शनीय होती है । | ग्रीष्म काल में प्राय: यथासम्भव प्रतिदिन मन्दिरों में फूलों के भव्य बंगले बनते हैं । [[वृन्दावन]] के [[बांके बिहारी मन्दिर|बिहारीजी]] तथा [[मथुरा]] के [[द्वारिकाधीश मन्दिर|द्वारकाधीश]] में " फूल बंगलों " की छटा दर्शनीय होती है । | ||
<br /> | <br /> | ||
+ | ==अन्य लिंक== | ||
{{साँचा:पर्व और त्योहार}} | {{साँचा:पर्व और त्योहार}} | ||
[[Category:कोश]] | [[Category:कोश]] | ||
[[Category:पर्व और त्योहार]] | [[Category:पर्व और त्योहार]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
०८:०२, १४ अप्रैल २०१० का अवतरण
पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार कर सकते हैं। हिंदी (देवनागरी) टाइप की सुविधा संपादन पन्ने पर ही उसके नीचे उपलब्ध है। |
फूल–बंगले / Phool Bangla
ग्रीष्म काल में प्राय: यथासम्भव प्रतिदिन मन्दिरों में फूलों के भव्य बंगले बनते हैं । वृन्दावन के बिहारीजी तथा मथुरा के द्वारकाधीश में " फूल बंगलों " की छटा दर्शनीय होती है ।