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− | हम आपको एक ऐसी यात्रा का भागीदार बनाना चाहते हैं जिसका रिश्ता [[ब्रज]] के [[:श्रेणी:इतिहास-कोश|इतिहास]], संस्कृति, समाज, [[मूर्ति कला|पुरातत्व]], [[:category:कला|कला]], [[:category:धर्म-संप्रदाय|धर्म-संप्रदाय]], [[दर्शनीय स्थल|पर्यटन स्थल]], प्रतिभाओं, आदि से है । इसमें आपकी भी पूरी भागीदारी रहेगी । यदि आपके पास ब्रज से संबंधित कोई महत्वपूर्ण फ़ोटो, लेख, किताब, तथ्य, संस्मरण, सांस्कृतिक [[विडियो]] क्लिप आदि है, तो आप ब्रज डिस्कवरी में जुड़वा सकते हैं । ब्रज संस्कृति का जन्म और विकास का केन्द्र [[यमुना]] नदी है । बढ़ते प्रदूषण के कारण यदि यमुना सूख गयी तो ब्रज संस्कृति पर इसका क्या असर होगा वह हम [[सरस्वती]], [[सिन्धु नदी]] और [[नील नदी]] के पास विकसित हुईं सभ्यताओं पतन के उदाहरण से समझ सकते हैं । भूमंडलीकरण के दौर में हम-आप और हमारा ब्रज क्षेत्र, प्रगति के रास्ते पर अपना गौरव बनाये रखे यही प्रयास है... | + | *हम आपको एक ऐसी यात्रा का भागीदार बनाना चाहते हैं जिसका रिश्ता [[ब्रज]] के [[:श्रेणी:इतिहास-कोश|इतिहास]], संस्कृति, समाज, [[मूर्ति कला|पुरातत्व]], [[:category:कला|कला]], [[:category:धर्म-संप्रदाय|धर्म-संप्रदाय]], [[दर्शनीय स्थल|पर्यटन स्थल]], प्रतिभाओं, आदि से है । |
+ | *इसमें आपकी भी पूरी भागीदारी रहेगी । | ||
+ | *यदि आपके पास ब्रज से संबंधित कोई महत्वपूर्ण फ़ोटो, लेख, किताब, तथ्य, संस्मरण, सांस्कृतिक [[विडियो]] क्लिप आदि है, तो आप ब्रज डिस्कवरी में जुड़वा सकते हैं । | ||
+ | *ब्रज संस्कृति का जन्म और विकास का केन्द्र [[यमुना]] नदी है । बढ़ते प्रदूषण के कारण यदि यमुना सूख गयी तो ब्रज संस्कृति पर इसका क्या असर होगा वह हम [[सरस्वती]], [[सिन्धु नदी]] और [[नील नदी]] के पास विकसित हुईं सभ्यताओं पतन के उदाहरण से समझ सकते हैं । | ||
+ | *भूमंडलीकरण के दौर में हम-आप और हमारा ब्रज क्षेत्र, प्रगति के रास्ते पर अपना गौरव बनाये रखे यही प्रयास है... | ||
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− | आज जिसे हम ब्रज क्षेत्र मानते हैं उसकी दिशाऐं, उत्तर दिशा में पलवल ([[हरियाणा]]), दक्षिण में [[ग्वालियर]] (मध्य प्रदेश), पश्चिम में [[भरतपुर]] (राजस्थान) और [[एटा]] ([[उत्तर प्रदेश]]) को छूती हैं। [[ब्रजभाषा|ब्रज भाषा]], रीति रिवाज़, पहनावा और ऐतिहासिक तथ्य इस सीमा का सहज आधार है। मथुरा-वृन्दावन ब्रज का केन्द्र हैं। | + | आज जिसे हम ब्रज क्षेत्र मानते हैं उसकी दिशाऐं, उत्तर दिशा में पलवल ([[हरियाणा]]), दक्षिण में [[ग्वालियर]] (मध्य प्रदेश), पश्चिम में [[भरतपुर]] (राजस्थान) और [[एटा]] ([[उत्तर प्रदेश]]) को छूती हैं। |
− | [[मथुरा]]-[[वृन्दावन]] की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है- एशिया > भारत > उत्तर प्रदेश > मथुरा | + | [[ब्रजभाषा|ब्रज भाषा]], रीति रिवाज़, पहनावा और ऐतिहासिक तथ्य इस सीमा का सहज आधार है।<br /> |
+ | *मथुरा-वृन्दावन ब्रज का केन्द्र हैं। | ||
+ | *[[मथुरा]]-[[वृन्दावन]] की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार है- एशिया > भारत > उत्तर प्रदेश > मथुरा | ||
- उत्तर- 27° 41' - पूर्व -77° 41' | - उत्तर- 27° 41' - पूर्व -77° 41' | ||
− | मार्ग स्थिति - राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -2 | + | *मार्ग स्थिति - राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या -2 |
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− | आश्चर्यजनक है कि कृष्ण के समय से पहले ही मथुरा में एक प्रकार की प्रजातांत्रिक व्यवस्था थी । [[अंधक]] और वृष्णि, दो संघ परोक्ष मतदान प्रक्रिया से अपना मुखिया चुनते थे । [[उग्रसेन]] अंधक संघ के मुखिया थे, जिनका पुत्र [[कंस]] एक निरंकुश शासक बनना चाहता था । [[अक्रूर]] ने कृष्ण से कंस का वध करवा कर प्रजातंत्र की रक्षा करवाई । [[वृष्णि संघ]] के होने के कारण [[द्वारका]] के राजा, कृष्ण बने । दूसरे उदाहरण में [[बौद्ध]] [[अनुश्रुति]] के अनुसार [[बुद्ध]] ने मथुरा आगमन पर अपने शिष्य [[आनन्द]] से मथुरा के संबंध में कहा है कि "यह आदि राज्य है, जिसने अपने लिए राजा (महासम्मत) चुना था ।" | + | *आश्चर्यजनक है कि कृष्ण के समय से पहले ही मथुरा में एक प्रकार की प्रजातांत्रिक व्यवस्था थी । |
+ | *[[अंधक]] और वृष्णि, दो संघ परोक्ष मतदान प्रक्रिया से अपना मुखिया चुनते थे । | ||
+ | *[[उग्रसेन]] अंधक संघ के मुखिया थे, जिनका पुत्र [[कंस]] एक निरंकुश शासक बनना चाहता था । | ||
+ | *[[अक्रूर]] ने कृष्ण से कंस का वध करवा कर प्रजातंत्र की रक्षा करवाई । | ||
+ | *[[वृष्णि संघ]] के होने के कारण [[द्वारका]] के राजा, कृष्ण बने । | ||
+ | *दूसरे उदाहरण में [[बौद्ध]] [[अनुश्रुति]] के अनुसार [[बुद्ध]] ने मथुरा आगमन पर अपने शिष्य [[आनन्द]] से मथुरा के संबंध में कहा है कि "यह आदि राज्य है, जिसने अपने लिए राजा (महासम्मत) चुना था ।" | ||
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<div style="background-color: #F2E6E6;">'''…इतिहास क्रम'''</div> | <div style="background-color: #F2E6E6;">'''…इतिहास क्रम'''</div> | ||
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− | [[महाभारत]] काल, [[मौर्य काल|मौर्य]], [[शुंग]], [[शक]], [[गुप्त]], [[हूण]], [[हर्षवर्धन]], [[राजपूत]], [[ग़ुलाम वंश]], [[ख़िलजी]], [[तुग़लक]], [[लोदी वंश|लोदी]], [[शेरशाह]], [[हेमू]], [[मुग़ल]], [[जाट]] और अंग्रेज़ शासन काल में मथुरा अनेक स्थितियों में महत्वपूर्ण बना रहा । शूरसेन नगरी, सौर्यपुर, मधुपुरी, मदुरा, आदि सब नाम मथुरा के ही लिए प्रयुक्त हुए । विदेशी यात्रियों ने कभी 'मो-तु-लो' ( मोरों के नाचने का स्थान ) लिखा तो कभी मेथोरा। [[औरंगज़ेब]] ने मथुरा का नाम बदल कर इस्लामाबाद कर दिया तो अंग्रेजों ने मुट्रा। [[ध्रुव]], [[गौतम बुद्ध]], [[तीर्थंकर पार्श्वनाथ]], [[महावीर]], [[शंकराचार्य]], [[चैतन्य महाप्रभु]], गुरू [[नानक]], [[सलीम चिश्ती]], [[रामकृष्ण परमहंस]], [[दयानंद सरस्वती]], गुरू [[समर्थ रामदास|रामदास]], [[वल्लभाचार्य]]... सभी ने यहाँ प्रवास किया अथवा सदैव के लिए रम गये । आगे चलते जायेंगे और पढ़ने और देखने को मिलेगा, कुछ खोजने को भी ! | + | *[[महाभारत]] काल, [[मौर्य काल|मौर्य]], [[शुंग]], [[शक]], [[गुप्त]], [[हूण]], [[हर्षवर्धन]], [[राजपूत]], [[ग़ुलाम वंश]], [[ख़िलजी]], [[तुग़लक]], [[लोदी वंश|लोदी]], [[शेरशाह]], [[हेमू]], [[मुग़ल]], [[जाट]] और अंग्रेज़ शासन काल में मथुरा अनेक स्थितियों में महत्वपूर्ण बना रहा । |
+ | *शूरसेन नगरी, सौर्यपुर, मधुपुरी, मदुरा, आदि सब नाम मथुरा के ही लिए प्रयुक्त हुए । | ||
+ | *विदेशी यात्रियों ने कभी 'मो-तु-लो' ( मोरों के नाचने का स्थान ) लिखा तो कभी मेथोरा। [[औरंगज़ेब]] ने मथुरा का नाम बदल कर इस्लामाबाद कर दिया तो अंग्रेजों ने मुट्रा। | ||
+ | *[[ध्रुव]], [[गौतम बुद्ध]], [[तीर्थंकर पार्श्वनाथ]], [[महावीर]], [[शंकराचार्य]], [[चैतन्य महाप्रभु]], गुरू [[नानक]], [[सलीम चिश्ती]], [[रामकृष्ण परमहंस]], [[दयानंद सरस्वती]], गुरू [[समर्थ रामदास|रामदास]], [[वल्लभाचार्य]]... सभी ने यहाँ प्रवास किया अथवा सदैव के लिए रम गये । | ||
+ | *आगे चलते जायेंगे और पढ़ने और देखने को मिलेगा, कुछ खोजने को भी ! | ||
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…हमारी-आपकी
|
…भौगोलिक स्थिति
आज जिसे हम ब्रज क्षेत्र मानते हैं उसकी दिशाऐं, उत्तर दिशा में पलवल (हरियाणा), दक्षिण में ग्वालियर (मध्य प्रदेश), पश्चिम में भरतपुर (राजस्थान) और एटा (उत्तर प्रदेश) को छूती हैं।
ब्रज भाषा, रीति रिवाज़, पहनावा और ऐतिहासिक तथ्य इस सीमा का सहज आधार है।
- उत्तर- 27° 41' - पूर्व -77° 41'
|
...कुछ शब्द, स्थान, लोग, चरित्र और मिथक
अक्षौहिणी ¤ क्षत्रप ¤ कृष्ण ¤ यमुना के घाट ¤ अमीर ख़ुसरो ¤ गोकुल सिंह ¤ ब्रजभाषा ¤ कृष्ण जन्मभूमि ¤ राधाकुण्ड ¤ सनातन गोस्वामी ¤ कालिदास ¤ सूरदास ¤ बलदेव मन्दिर ¤ तक्षशिला ¤ महाजनपद |
…पर्व, उत्सव, त्यौहार और सांस्कृतिक कार्यक्रम
ईद-उल-फ़ितर ¤ विहार पंचमी ¤ आर्य समाज सम्मेलन ¤ कंस मेला ¤ देवोत्थान एकादशी ¤ अक्षय नवमी ¤ गोपाष्टमी ¤ गोवर्धन पूजा ¤ लठा मार-होली बरसाना के विडियो ¤ बल्देव होली के विडियो ¤ रथ-यात्रा के विडियो |
…लेख, नज़रिया, साहित्य, कथा, कविता
वेद ¤ उपनिषद ¤ रामायण ¤ महाभारत ¤ गीता ¤ पुराण ¤ रश्मिरथी तृतीय सर्ग ¤ कच देवयानी ¤ समुद्र मंथन ¤ गंगावतरण ¤ सावित्री सत्यवान ¤ ययाति ¤ शर्मिष्ठा |
…इतिहास, कला, हम-ब्रजवासी
गोविन्द देव मंदिर ¤ मथुरा ¤ मूर्ति कला ¤ स्वतंत्रता सेनानी सूची |
…प्रजातांत्रिक व्यवस्था
|
…इतिहास क्रम
शुभ यात्रा... |
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