"मौसल पर्व महाभारत" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(नया पृष्ठ: {{Menu}}<br /> ==मौसल पर्व / Mausal Parv== मौसल पर्व में कोई उपपर्व नहीं है, और अध्याय...)
 
छो (Text replace - '{{Menu}}<br />' to '{{Menu}}')
 
(एक अन्य सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{Menu}}<br />
+
{{Menu}}
 
==मौसल पर्व / Mausal Parv==
 
==मौसल पर्व / Mausal Parv==
 
मौसल पर्व में कोई उपपर्व नहीं है, और अध्यायों की संख्या भी केवल 8 है। इस पर्व में ॠषि-शापवश साम्ब के उदर से मुसल की उत्पत्ति तथा समुद्र-तट पर चूर्ण करके फेंके गये मुसलकणों से उगे हुए सरकण्डों से यादवों का आपस में लड़कर विनष्ट हो जाना, [[बलराम]] और श्री[[कृष्ण]] का परमधाम-गमन और समुद्र द्वारा [[द्वारका]]पुरी को डुबो देने का वर्णन है।  
 
मौसल पर्व में कोई उपपर्व नहीं है, और अध्यायों की संख्या भी केवल 8 है। इस पर्व में ॠषि-शापवश साम्ब के उदर से मुसल की उत्पत्ति तथा समुद्र-तट पर चूर्ण करके फेंके गये मुसलकणों से उगे हुए सरकण्डों से यादवों का आपस में लड़कर विनष्ट हो जाना, [[बलराम]] और श्री[[कृष्ण]] का परमधाम-गमन और समुद्र द्वारा [[द्वारका]]पुरी को डुबो देने का वर्णन है।  
{{महभारत}}
+
{{महाभारत}}
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:महाभारत]]
 
[[Category:महाभारत]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

०७:१२, ९ जनवरी २०१० के समय का अवतरण

मौसल पर्व / Mausal Parv

मौसल पर्व में कोई उपपर्व नहीं है, और अध्यायों की संख्या भी केवल 8 है। इस पर्व में ॠषि-शापवश साम्ब के उदर से मुसल की उत्पत्ति तथा समुद्र-तट पर चूर्ण करके फेंके गये मुसलकणों से उगे हुए सरकण्डों से यादवों का आपस में लड़कर विनष्ट हो जाना, बलराम और श्रीकृष्ण का परमधाम-गमन और समुद्र द्वारा द्वारकापुरी को डुबो देने का वर्णन है।