"शान्ति पर्व महाभारत" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(नया पृष्ठ: {{Menu}}<br /> ==शान्ति पर्व / Shanti Parv== शान्ति पर्व के अन्तर्गत 3 (उप) पर्व हैं- *रा...)
(कोई अंतर नहीं)

११:४८, २३ दिसम्बर २००९ का अवतरण


शान्ति पर्व / Shanti Parv

शान्ति पर्व के अन्तर्गत 3 (उप) पर्व हैं-

  • राजधर्मानुशासन पर्व,
  • आपद्धर्म पर्व,
  • मोक्षधर्म पर्व।

इसमें 365 अध्याय हैं। शान्ति पर्व में युद्ध की समाप्ति परयुधिष्ठिर का शोकाकुल होकर पश्चाताप करना, श्रीकृष्ण सहित सभी लोगों द्वारा उन्हें समझाना, युधिष्टिर का नगर प्रवेश और राज्याभिषेक, सबके साथ पितामह भीष्म के पास जाना, भीष्म के द्वारा श्रीकृष्ण की स्तुति, भीष्म द्वारा युधिष्ठिर के प्रश्नों का उत्तर तथा उन्हें राजधर्म, आपद्धर्म और मोक्षधर्म का उपदेश करना आदि वर्णित है। मोक्षपर्व में सृष्टि का रहस्य तथा अध्यात्म ज्ञान का विशेष निरूपण है। शान्ति पर्व में “मङ्कगीता’’ (अध्याय 177), “पराशरगीता” (अध्याय 290-98) तथा “हंसगीता” (अध्याय 299) भी है। शान्तिपर्व में धर्म, दर्शन, राजानीति और अध्यात्म ज्ञान का विशद निरूपण किया गया है।