"जैन आधान संस्कार" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो (Text replace - '{{जैन धर्म}}' to '')
छो (Text replace - '{{जैन धर्म2}}' to '{{जैन धर्म}}')
 
पंक्ति २९: पंक्ति २९:
 
*अनन्तर शास्त्रोक्त विधिपूर्वक पति और धर्मपत्नी द्वारा विश्वशान्तिप्रदायक हवन पूर्वक यह क्रिया सम्पन्न की जाती है।  
 
*अनन्तर शास्त्रोक्त विधिपूर्वक पति और धर्मपत्नी द्वारा विश्वशान्तिप्रदायक हवन पूर्वक यह क्रिया सम्पन्न की जाती है।  
 
==सम्बंधित लिंक==
 
==सम्बंधित लिंक==
{{जैन धर्म2}}
+
{{जैन धर्म}}
  
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:जैन]]
 
[[Category:जैन]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

११:३६, ७ अगस्त २०१० के समय का अवतरण

जैन आधान संस्कार / Jain Adhan Sanskar

  • पाणिग्रहण (विवाह) के बाद सौभाग्यवती नारियाँ उस स्त्री तथा उसके पति को मण्डप में लाकर वेदी के निकट बैठातीं हैं।
  • शुद्ध वस्त्र धारण कर संस्कार विधि इस प्रकार की जाती है-
  1. सर्वप्रथम मंगलाचरण,
  2. मंगलाष्टक का पाठ,
  3. पुन: हस्तशुद्धि,
  4. भूमिशुद्धि,
  5. द्रव्यशुद्धि,
  6. पात्रशुद्धि,
  7. मन्त्रस्नान,
  8. साकल्यशुद्धि,
  9. समिधाशुद्धि,
  10. होमकुण्ड शुद्धि,
  11. पुण्याहवाचन के कलश की स्थापना,
  12. दीपक प्रज्वलन,
  13. तिलककरण,
  14. रक्षासूत्रबन्धन,
  15. संकल्प करना,
  16. यन्त्र का अभिषेक,
  17. आन्तिधारा,
  18. गन्धोदक,
  19. वन्दन,
  20. इसके पूर्व अर्घसमर्पण,
  21. पूजन के प्रारम्भ में स्थापना,
  22. स्वस्तिवचान,
  23. इसके बाद देव-शास्त्र-गुरुपूजा, एवं
  24. सिद्धयन्त्र का पूजन करना चाहिए।
  • अनन्तर शास्त्रोक्त विधिपूर्वक पति और धर्मपत्नी द्वारा विश्वशान्तिप्रदायक हवन पूर्वक यह क्रिया सम्पन्न की जाती है।

सम्बंधित लिंक