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बृहद आरण्यक
- इस शुक्लयजुर्वेदीय आरण्यक की विशेष प्रसिद्धि उपनिषद के रूप में है।
- आत्मतत्व की इसमें विशेष विवेचना की गई है।
- उपनिषदों के प्रकरण में इसकी विशद समीक्षा है।
इन्हें भी देखें:-बृहदारण्यकोपनिषद
सम्बंधित लिंक
ब्राह्मण साहित्य |
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श्रुतियां |
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श्रुतियां |
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उपवेद और वेदांग |
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स्मृति |
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