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− | अपने महारथी योद्धाओं की प्रशंसा करके अब | + | अपने महारथी योद्धाओं की प्रशंसा करके अब <balloon link="index.php?title=दुर्योधन" title="धृतराष्ट्र-गांधारी के सौ पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र दुर्योधन था। दुर्योधन गदा युद्ध में पारंगत था और श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का शिष्य था । |
+ | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">दुर्योधन</balloon> दोनों सेनाओं की तुलना करते हुए अपनी सेना को <balloon link="index.php?title=पांडव" title="पांडव कुन्ती के पुत्र थे। इनके नाम युधिष्ठर, भीम, अर्जुन, नकुल और सहदेव थे। | ||
+ | ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤"> | ||
+ | पाण्डव</balloon> सेना की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली और उत्तम बतलाते हैं- | ||
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− | और भी मेरे लिये जीवन की आशा त्याग देने वाले बहुत-से शूरवीर अनेक प्रकार के | + | और भी मेरे लिये जीवन की आशा त्याग देने वाले बहुत-से शूरवीर अनेक प्रकार के अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित और सभी युद्ध में चतुर हैं ।।9।। |
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१२:३३, २१ मार्च २०१० के समय का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-9 / Gita Chapter-1 Verse-9
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