"गीता 1:8" के अवतरणों में अंतर
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− | ==गीता अध्याय- | + | ==गीता अध्याय-1 श्लोक-8 / Gita Chapter-1 Verse-8== |
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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− | अब दो श्लोकों में दुर्योधन अपने पक्ष के प्रधान वीरों के नाम बतलाते हुए अन्यान्य वीरों के सहित उनकी प्रशंसा करते हैं- | + | अब दो श्लोकों में <balloon link="index.php?title=दुर्योधन" title="धृतराष्ट्र-गांधारी के सौ पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र दुर्योधन था । दुर्योधन गदा युद्ध में पारंगत था और श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का शिष्य था । |
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− | ''' | + | दुर्योधन </balloon> अपने पक्ष के प्रधान वीरों के नाम बतलाते हुए अन्यान्य वीरों के सहित उनकी प्रशंसा करते हैं- |
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+ | <div align="center"> | ||
+ | '''भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिंजय:।'''<br /> | ||
'''अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च ।।8।।''' | '''अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च ।।8।।''' | ||
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− | आप | + | आप <balloon link="index.php?title=द्रोणाचार्य" title="द्रोणाचार्य कौरव और पांडवो के गुरु थे । कौरवों और पांडवों ने द्रोणाचार्य के आश्रम मे ही अस्त्रों और शस्त्रों की शिक्षा पायी थी । अर्जुन द्रोणाचार्य के प्रिय शिष्य थे । |
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+ | द्रोणाचार्य</balloon> और पितामह <balloon link="index.php?title=भीष्म" title="भीष्म महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं । ये महाराजा शांतनु के पुत्र थे । अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंनें आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था । इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। | ||
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+ | भीष्म</balloon> तथा <balloon link="index.php?title=कर्ण" title="कर्ण कुन्ती व सूर्यदेव के पुत्र थे । एक अत्यन्त पराक्रमी तथा दानशील पुरुष । | ||
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+ | कर्ण</balloon> और संग्राम विजयी [[कृपाचार्य]] तथा वैसे ही <balloon link="index.php?title=अश्वत्थामा" title="अश्वत्थामा द्रोणाचार्य के पुत्र थे। द्रोणाचार्य ने शिव को अपनी तपस्या से प्रसन्न करके उन्हीं के अंश से अश्वत्थामा नामक पुत्र को प्राप्त किया। | ||
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+ | अश्वत्थामा</balloon>, [[विकर्ण]] और [[सोमदत्त]] पुत्र [[भूरिश्रवा]] ।।8।। | ||
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− | Yourself and | + | Yourself and Bhisma and Karna and Kripa, who is ever victorious in battle; and even so Asvatthama, Vikarna and Bhurisrava (the son of Somadatta).(8) |
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+ | <div align="center" style="font-size:120%;">'''[[गीता 1:7|<= पीछे Prev]] | [[गीता 1:9|आगे Next =>]]'''</div> | ||
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१२:३३, २१ मार्च २०१० के समय का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-8 / Gita Chapter-1 Verse-8
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